फोटो गैलरी

Hindi Newsसिंगापुर: PM मोदी ने कहा FDI का मतलब, 'फर्स्ट डेवेलप इंडिया'

सिंगापुर: PM मोदी ने कहा FDI का मतलब, 'फर्स्ट डेवेलप इंडिया'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दावा किया कि उन्होंने 18 महीने पहले देशवासियों से जो वादा किया था कि हिन्दुस्तान किसी से न आंख झुकाकर बात करेगा, न आंख दिखाकर बात करेगा बल्कि आंख मिलाकर बात करेगा,...

सिंगापुर: PM मोदी ने कहा FDI का मतलब, 'फर्स्ट डेवेलप इंडिया'
एजेंसीTue, 24 Nov 2015 09:03 PM
ऐप पर पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दावा किया कि उन्होंने 18 महीने पहले देशवासियों से जो वादा किया था कि हिन्दुस्तान किसी से न आंख झुकाकर बात करेगा, न आंख दिखाकर बात करेगा बल्कि आंख मिलाकर बात करेगा, उसे पूरा करके दिखाया है।

मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, आज सारा विश्व जान गया है कि सवा सौ करोड़ लोगों का देश क्या होता है, सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत क्या होती है। सारा विश्व इस ताकत को पहचानने लगा है।

उन्होंने कहा,  18 महीने पहले देशवासियों से जो वादा किया था, उसे मैंने निभाया। हम दुनिया से न आंख झुकाकर बात करते हैं, न आंख दिखाकर बात करते हैं। आत्मविश्वास से भरा भारत आज आंख मिलाकर बात करता है, बराबरी से बात करता है। आज पूरा विश्व भारत से बराबरी का व्यवहार करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आज विश्व यह नहीं सोचता है कि भारत बहुत बड़ा बाजार है और वहां अपना सामान बेच लें बल्कि अब उसे लगता है कि मौका मिले तो हिन्दुस्तान के साथ भागीदारी कर लें।

उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया भारत में निवेश करना चाहती है। दुनिया की नजर में एफडीआई का आशय महज फारेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) है लेकिन मेरी निगाह में एफडीआई का मतलब फर्स्ट डेवेलप इंडिया है। इसलिए मैं एफडीआई से एफडीआई की बात  (फारेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट से फर्स्ट डेवेलप इंडिया) करता हूं।

मोदी ने कहा, भारत आगे बढ़े इतना ही काफी नहीं है। भारत आधुनिक बने यह आवश्यक है। आपके आशीर्वाद से यही एक काम करना है मुझे विकास, विकास और विकास। जो गरीबों के आंसू पोछे, नौजवानों को रोजगार दे, किसानों को खुशहाल बनाए, महिलाओं का सशक्तिकरण करे, एकता और अखंडता के मंत्र के साथ दुनिया में हमारा सिर उंचा रखे।

उन्होंने कहा कि लोग अब पुराने और प्राचीन पराक्रम को सुनने को तैयार नहीं है। हमारे पूर्वजों ने जो पराक्रम किये, वो हमारे पे्ररणा के स्रोत तो बन सकते हैं लेकिन पुराने पराक्रम के गीत गाते गाते काम नहीं चल सकता है। हम उससे प्रेरणा लेकर आधुनिक भविष्य की नींव डालें। हम अपने पुरूषार्थ, तपस्चर्या और इच्छा शक्ति से भविष्य की ऐसी नींव डालें ताकि आने वाली पीढ़ी को जवाब दे सकें।

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब भी रक्षा खरीद की बात होती थी तब हर बार भ्रष्टाचार का विषय बन जाता था और निर्णय नहीं हो पाते थे। उन्होंने कहा,  लेकिन पिछले 18 महीनों में हमने पारदर्शी निर्णय किये और कोई उंगली नहीं उठी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अजीब बात है कि आंसू गैस जैसे पुलिस के सामान्य उपयोग के गोले भी हमें बाहर से मंगाने पड़ते हैं।

लोगों के ठहाकों के बीच उन्होंने कहा, हम रोने के सामान भी बाहर से लाते हैं। मुझे समक्ष नहीं आता कि इस पर हंसा जाए या रोया जाए । यह स्थिति बदलनी चाहिए । भारत का बहुत धन रक्षा खरीद में खर्च हो जाता है, मैंने यह बीड़ा उठाया है कि भारत रक्षा क्षेत्र में अपने पैरों पर खड़ा हो जाए। इसके लिए रक्षा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई का प्रावधान किया गया है और कोई उत्तम टेक्नोलाजी होगी तब 100 प्रतिशत एफडीआई का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा, इससे हमारी रक्षा जरूरतें पूरी होंगी और अगर हम हथियारों को कहीं बेचना चाहें तो बेच भी पायेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें