समुद्र में 1 मीटर जलस्तर बढ़ते ही डूब जाएगा मालदीव, मुंबई पर भी खतरा
अगर समुद्र का जलस्तर महज एक मीटर बढ़ता है तो पर्यटकों का स्वर्ग माना जाने वाला मालदीव डूब जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अर्थ ऑब्जव्रेटरी की रिपोर्ट में यह अंदेशा जताया गया है। मालदीव दुनिया...
अगर समुद्र का जलस्तर महज एक मीटर बढ़ता है तो पर्यटकों का स्वर्ग माना जाने वाला मालदीव डूब जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अर्थ ऑब्जव्रेटरी की रिपोर्ट में यह अंदेशा जताया गया है। मालदीव दुनिया के उन देशों में से है, जिनके वजूद पर जलवायु परिवर्तन से उपजे खतरे के कारण बड़ा संकट मंडरा रहा है।
यह वास्तव में एक द्वीप समूह है जो 1,190 प्रवाल द्वीपों से बना है। ये प्रवाल द्वीप 26 एटॉल में बंटे हैं। एटॉल उन द्वीपों को कहते हैं जो आंशिक रूप से या पूरी तरह किसी लगून या झील को घेरे रहते हैं। पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है।
इसके 80 द्वीपों पर सैरगाह हैं। खूबसूरत समुद्र तट से करीबी इसके लिए वरदान रही है। लेकिन अब यही नजदीकी उसके लिए खतरे का कारण बन सकती है। मालदीव उन देशों में से है जिनके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सबसे पहले प्रभावित होने की आशंका है। साल 2009 में इसके तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने पानी के अंदर मंत्रिमंडल की बैठक कर दुनिया का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित किया था।
जलस्तर सदी के अंत तक 3 फीट तक बढ़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो सदी के अंत तक मुंबई, न्यूयॉर्क और टोक्यो समुद्र में समा सकते हैं। दुनिया के 15 सबसे बड़े शहरों में समुद्र के किनारे बसे 11 शहरों पर है जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है।
वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन से तापमान बढ़ रहा है। इससे पृथ्वी पर मौजूद बर्फ अनुमान से कहीं अधिक तेजी से पिघल रही है। यह समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी का एक अहम कारण है।