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ईरान से आर्थिक प्रतिबंध खत्म, भारत में गिर सकते हैं तेल के दाम

ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। परमाणु डील की शर्तों को मानते हुए ईरान द्वारा नाभिकीय कार्यक्रम रोक देने के...

ईरान से आर्थिक प्रतिबंध खत्म, भारत में गिर सकते हैं तेल के दाम
एजेंसीSun, 17 Jan 2016 07:24 PM
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ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। परमाणु डील की शर्तों को मानते हुए ईरान द्वारा नाभिकीय कार्यक्रम रोक देने के बाद उसे यह राहत दी गई है।

परमाणु गतिविधियों पर निगरानी रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक युकिया अमानो ने शनिवार रात इस फैसले की घोषणा की। अमानो ने कहा कि ईरान ने पिछले साल अमेरिका समेत विश्व की छह महाशक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौतों की शर्तों का पूरी तरह पालन किया है। इसके बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भी ईरान से प्रतिबंधों को खत्म करने का ऐलान किया। आर्थिक प्रतिबंधों के कारण ईरान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ गया था। कच्चे तेल का खरीदार न मिल पाने के कारण उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई थी।   

और गिर सकते हैं तेल के दाम
ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों के हटने के बाद वह पूरी क्षमता से तेल उत्पादन कर सकेगा। इससे मांग से ज्यादा आपूर्ति का संकट झेल रहे कच्चे तेल के बाजार में और गिरावट की संभावना है। कच्चे तेल का दाम डेढ़ साल में 70 फीसदी गिरावट के साथ 30 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ चुका है। ईरान से तेल आपूर्ति बढ़ने के बाद यह 20 से 25 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क सकता है।

परमाणु बम बनाया तो दोबारा लागू होंगे प्रतिबंध
अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान को आगाह किया
करार का उल्लंघन किया तो 30 दिनों में दोबारा लगेंगी पाबंदियां

इजरायल और अमेरिकी संसद के कट्टरपंथियों को छोड़कर सब खुश हैं। युद्ध उन्माद फैलाने वाले इस्लामिक देशों के बीच जातीय संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं।
हसन रुहानी, ईरान के राष्ट्रपति

परमाणु हथियारों का खतरा कम हो गया है। ईरान ने अपना वादा पूरा किया है, लेकिन हम सतर्क रहेंगे, एक विशेष संयुक्त आयोग ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगातार नजर रखेगा।
जॉन केरी, अमेरिकी विदेश मंत्री   

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विपक्षी रिपब्लिकन और इजरायल जैसे देशों को भरोसा दिलाया है कि अगर ईरान ने पाबंदियां हटने के बाद परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की तो उस पर दोबारा आर्थिक प्रतिबंध लागू होंगे। ईरान के साथ हुई परमाणु डील में भी इसका प्रावधान है।

समझौते के प्रावधानों के मुताबिक, अगर ईरान ने एटमी डील की अवहेलना की तो प्रतिबंध स्वत: लागू हो जाएंगे। 20 जुलाई 2015 को पारित सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर ईरान ने अगले दस साल में परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की तो सारी पाबंदियां फिर से अमल में आ जाएंगी। ऐसे उल्लंघन की शिकायत मिलने पर सुरक्षा परिषद 30 दिनों के भीतर बैठक करेगी और प्रतिबंधों की घोषणा करेगी। अगर इस समयसीमा में ऐसा नहीं हो पाया तो पाबंदियां खुदबखुद लागू मानी जाएंगी। इस पर कोई स्थायी सदस्य वीटो पॉवर भी नहीं लगा पाएगा। गौरतलब है कि ईरान की जर्मनी और सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों (अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन) के समूह साथ दो साल लंबी वार्ता चली थी।

अमेरिका और ईरान ने कैदियों की अदला-बदली
आर्थिक प्रतिबंध हटने के साथ अमेरिका और ईरान ने कैदियों की अदला-बदली भी की। ईरान ने रविवार को पांच अमेरिकी कैदियों को रिहा किया। जबकि अमेरिका ने सात ईरानियों को माफी देने का फैसला किया है।

इसे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। ईरान से रिहा कैदियों में वाशिंगटन पोस्ट के संवाददाता जैसन रेजाइयां, उनकी पत्नी येगानेह सलेही और इदाहो के पादरी सईद अबेदिनी शामिल हैं। रेजाइयां को 543 दिनों बाद रिहाई मिली है।

जबकि अमेरिका से रिहा होने वाले इनमें छह लोग अमेरिका-ईरान की दोहरी नागरिकता रखते हैं। अमेरिका ने 14 अन्य के खिलाफ लगे आरोप हटाने का वादा किया है। आर्थिक प्रतिबंधों के हटने से ईरानी कंपनियां अमेरिका में भी व्यापार कर सकेंगी। वहीं अमेरिका ऑटोमोबाइल, विमान की कमी महसूस कर रहे ईरान को निर्यात करने पर नजरें गड़ाए हुए है। समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदेश नीति की सबसे बड़ी जीत माना जा रहा है।

तेल के दाम और गिरेंगे
30 डॉलर प्रति बैरल पर अभी कच्चे तेल के दाम
20 डॉलर प्रति बैरल आ सकती है तेल की कीमत
12 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया है कच्चा तेल

भारत को लाभ
02 लाख बैरल प्रति दिन अतिरिक्त कच्चे तेल का निर्यात भारत को बढ़ाने के संकेत
13 विशालकाय ईरानी तेल टैंकर खड़े, एक हफ्ते की भारत की तेल खपत के बराबर
कच्चे तेल के दामों में गिरावट से भारत का आयात बिल और ज्यादा घटेगा
प्रतिबंध हटने से भारतीय कंपनियां ईरान में कारोबार को और बढ़ा सकेंगी

ईरान को फायदा
अरबों डॉलर की परिसंपत्तियों तक ईरान की पहुंच हो जाएगी
ईरानी कंपनियां तेल-गैस समेत तमाम क्षेत्रों में व्यापार बढ़ा सकेंगी
वैश्विक कंपनियां ईरान के साथ दोबारा कारोबार शुरू कर पाएंगी
05 लाख बैरल रोजाना अतिरिक्त तेल उत्पादन की तैयारी में जुटा

प्रतिबंधों के कारण झुका तेहरान
2006 से 2010 के बीच ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध
08 साल तक बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम बंद करने को कहा गया
10 साल तक शांतिपूर्ण एटमी कार्यक्रम के लिए तकनीक हस्तांतरण पर रोक
तेल-गैस, पेट्रोकेमिकल, हथियार निर्यात, वाणिज्य-व्यापार पर प्रतिबंध लगे
ईरान और गैर अमेरिकी कंपनियों पर डॉलर में लेनदेन करने पर रोक लगी
ईरान से व्यापार करने वाले दूसरे देशों पर अमेरिकी निवेश पर रोक लगी

ईरान-अमेरिकी रिश्ते में उतार-चढ़ाव
अपने दूसरे कार्यकाल में अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रतिद्वंद्वियों ईरान, क्यूबा के साथ रिश्तों में सुधार की कोशिश रंग लाई। क्यूबा और अमेरिका में 60 साल बाद कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए। ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए हुआ नाभिकीय समझौता भी परवान चढ़ा और दोनों देशों के रिश्तों में सहजता लौटी।

1953 : सीआईए की मदद से ईरान के लोकप्रिय पीएम मोहम्मद मोसादेघ का तख्तापलट, अमेरिका समर्थित शाह मोहम्मद रजा पहलवी को सत्ता मिली।
1979: ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद शाह को भागना पड़ा। अयातुल्लाह रुहल्ला खुमैनी देश लौटे और सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु बने।
04 नवंबर 1979: कट्टरपंथी छात्रों ने शाह को लौटाने की मांग को लेकर अमेरिकी दूतावास पर कब्जा किया जो 444 दिनों तक चला।
1980 : अमेरिका ने ईरान से कूटनीतिक रिश्ते खत्म किए। ईरानी परिसंपत्तियों  को सीज किया और व्यापारिक प्रतिबंध लगाए।
1988: अमेरिकी युद्धपोत ने गलती से ईरानी यात्रियों से भरे विमान को खाड़ी में मार गिराया। 290 यात्रियों की मौत।
2009: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस ने कहा कि ईरान एटमी हथियारों के लिए यूरेनियम संवद्र्धित कर रहा। प्रतिबंधों की शुरुआत हुई।
2013: ईरान में उदारवादी हसन रुहानी ने सत्ता संभाली। 28 सितंबर को रुहानी-ओबामा की फोन पर वार्ता, 30 सालों में शीर्ष स्तर पर पहला संपर्क
2015: 14 जुलाई को ईरान और जर्मनी व सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के बीच वियना में परमाणु डील। अमेरिका की अहम भूमिका।
2016: 14 जनवरी को ईरान ने उसके समुद्री क्षेत्र में घुसने वाले दस अमेरिकी नाविकों को रिहा किया। 17 जनवरी को प्रतिबंध खत्म हुए।

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