भारत ने तीन दिन में दूसरी बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया
भारत ने तीन दिन में दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया। भारतीय प्रतिनिधि ने शुक्रवार को कहा कि पाक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों का दमन कर रहा है और बलूचों पर...
भारत ने तीन दिन में दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया। भारतीय प्रतिनिधि ने शुक्रवार को कहा कि पाक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों का दमन कर रहा है और बलूचों पर अत्याचार कर रहा है।
जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद की धुरी के तौर पर अपनी ख्याति पाई है। उन्होंने कहा कि यह पाखंड की हद है कि पाक सरकार मानवाधिकार के मामले में दूसरे देशों को उपदेश देने की कोशिश कर रही है।
भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले दो दशकों में दुनिया के सर्वाधिक वांछित आतंकियों ने पाकिस्तान में शरण पाई है। यह परंपरा अभी भी जारी है और इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, क्योंकि उसने आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति बना लिया है।
भारत ने दो टूक कहा कि हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर में अशांति के पीछे पाक का सीधा है और वह हिंसा को भड़का रहा है। पाकिस्तान के सीमापार आतंकवाद में शामिल होने के ठोस सबूत है। पीओके में आतंकी शिविरों के जरिये आतंकवादियों की घुसपैठ कराई जा रही है।
बयान में कहा गया कि मानवाधिकारों का सम्मान करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन में भारत का साफ-सुथरा रिकॉर्ड है। स्वतंत्र न्यायपालिका, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सिविल सोसाइटी इसका उदाहरण है। भारत ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बार-बार चुनाव के जरिये लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना भरोसा जताया है।