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हरियाणा: मुसाफिर व मरीजों ने दिन भर झेली मुसीबत

कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल के दौरान शुक्रवार को मुसाफिर और मरीजों ने दिन भर मुसीबत झेली। इतना ही नहीं इसकी वजह से जहां औद्योगिक नगरी फरीदाबाद का उत्पादन काफी गिर गया। वहीं, बैंक और एलआईसी में...

हरियाणा: मुसाफिर व मरीजों ने दिन भर झेली मुसीबत
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Sep 2016 10:25 PM
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कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल के दौरान शुक्रवार को मुसाफिर और मरीजों ने दिन भर मुसीबत झेली। इतना ही नहीं इसकी वजह से जहां औद्योगिक नगरी फरीदाबाद का उत्पादन काफी गिर गया। वहीं, बैंक और एलआईसी में करोड़ों रुपये का लेनदेन नहीं हो सका। हालांकि कई बैंक यूनियन हड़ताल से बाहर होने के कारण कुछ बैंकों में कामकाज सुचारू रूप से चला। हड़ताल के चलते स्वास्थ्य, बिजली और परिवहन सुविधाएं चरमरा गई। 

रोडवेज की बसों का चक्का जाम रहा। बिजली निगम के लाइन स्टाफ से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक हड़ताल में शामिल रहे। इससे कई इलाकों में बिजली परेशानी झेलनी पड़ी। हड़ताल के चलते दौरान बीके अस्पताल को छोड़ अन्य प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का उपचार नहीं हो सका। इसी तरह फरीदाबाद में अधिकांश केंद्रीय कार्यालयों में भी कामकाज नहीं हो सका। हिन्दुस्तान टीम ने ज्यादातर विभागों का दौरान कर हड़ताल के चलते हुई परेशानी का जायजा लिया। 

हरियाणा रोडवेज
हरियाणा रोडवेजबसों का चक्का रहा जाम 
हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसके चलते शुक्रवार को रोडवेज बसों का चक्का जाम रहा। इससे औद्योगिक नगरी से दूर दराज की ओर जाने वाले यात्रियों को अच्छी खासी परेशानी झेलनी पड़ी। बस अड्डे में लबालब पानी भरा था। भीकम कॉलोनी निवासी दिनेश कुमार अपने छोटे भाई नेत्रहीन राजेंद्र को लेकर अचानक अलीगढ़ जाना पड़ गया। बस के इंतजार में उन्हें पानी के बीच खड़ा रहना पड़ा। बाद में उन्हें बताया गया कि हड़ताल के चलते  आज बस नहीं जाएंगी। बाद में पता चला कि यूपी रोडवेज के जरिए ही वह अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। 

यूपी व राजस्थान रोडवेज बनी हमसफर 
हरियाणा रोडवेज की बसें हड़ताल के चलते रूट पर नहीं उतरी, लेकिन यूपी व राजस्थान रोडवेज सहित निजी बसों का सहारा लेकर लोग अपने गंतव्य तक पहुंचे। दिल्ली की ओर से आने जाने वालों के लिए मेट्रो सेवा भी काफी कारगार सिद्ध हुई। अलीगढ़, आगरा, वृंदावन, कामा सहित विभिन्न रूटों पर बसें चलती रहीं, लेकिन बसें देर से मिलने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

भटकते रहे लोग

बिजली निगम में लाइन स्टाफ से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक हड़ताल में शामिल रहे। बिजली दफ्तर एक नंबर और पांच नंबर में एक भी कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था। एसडीओ बिजली घर में फाल्ट दूर करवाने में जुटे थे। दो नंबर बिजली घर में पुलिस का पहरा था। इसके चलते उपभोक्ताओं को बिजली परेशानी भी झेलनी पड़ी। हालांकि एसडीओ ठेकेदार के कर्मचारियों से फाल्ट दूर करवाते नजर आए। फिर भी कई इलाकों में उपभोक्ताओं को फाल्ट के चलते बिजली गुल का सामना करना पड़ा। बिजली घरों में पुलिसकर्मियों की तैनाती रही, बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारी नेताओं के मुताबिक बिजली निगम के 1232 में से 1013 कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

चरमराए रही स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल में चले जाने से सेक्टर-3 फस्र्ट रेफरल यूनिट की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रही। यहां सुबह आठ बजे से मरीजों के आने का सिलसिला जारी रहा। मरीजों का पंजीकरण तक नहीं हो सका। हालांकि दो विशेषज्ञ यहां मौजूद रहे। स्त्री रोग और बाल विशेषज्ञ का कमरा बंद रहा। यहां डॉक्टर सहित करीब 15 का स्टाफ है। जिनमें से अधिकांश हड़ताल पर रहे। यहां आए मरीज दवा के लिए भटकते रहे। महिलाओं को ज्यादा पेरशानी हुई। उन्हें बिना  इलाज वहां से लौटना पड़ा। अस्पताल में लैब रूम बंद था। 
 

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