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पीड़ितों ने याद किये भूकंप के हिला देने वाले क्षण

नेपाल में भीषण भूकंप में बचने वालों ने प्रकति के उस खौफनाक मंजर की दास्तान बयां की जिसने उनके घरों को पल भर में मलबे में बदलकर रख दिया। भूकंप ने ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों को ताश के पत्तों की तरह...

पीड़ितों ने याद किये भूकंप के हिला देने वाले क्षण
एजेंसीSun, 26 Apr 2015 06:42 PM
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नेपाल में भीषण भूकंप में बचने वालों ने प्रकति के उस खौफनाक मंजर की दास्तान बयां की जिसने उनके घरों को पल भर में मलबे में बदलकर रख दिया। भूकंप ने ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया।

आपदा में अपने प्रियजनों को खोने वाले इस दर्द से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। भूकंप से मरने वालों की संख्या 2000 से अधिक होने के बाद भी हल्के झटके आते रहने के कारण लोग सो भी नहीं पाए, जबकि कल के भूकंप से बेघर हुए लोगों को भोजन और साफ-सफाई जैसी बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

हैरान परेशान लोगों में सैकड़ों भारतीय शामिल हैं जो काम के सिलसिले में या पर्यटक के रूप में यहां आए थे। इस आपदा का शिकार इन भारतीयों का पहला प्रयास किसी भी तरह से स्वदेश लौटना है।
    
कोलकाता से यहां आए एक श्रमिक ने कहा कि कल जो हुआ उसे देखकर हम स्तब्ध हैं। यह बेहद दुखद है, भोजन पानी नहीं रहने के कारण मेरा पूरा परिवार दिक्कतों का सामना कर रहा है और लगभग सारी दुकानें बंद है। उन्होंने कहा, कम से कम 500-1,000 कामगार यहां आए हैं और अब हम वापस जाना चाहते हैं। पता नहीं हम कैसे घर लौटेंगे। बिजली नहीं रहने के कारण कोई सूचना नहीं है। हम जानते हैं कि भारत से बचाव के लिए कुछ विमान आये है। हम वहां तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और फिर घर चले जाएंगे।

हिमालय की गोद में बसे इस देश को 7.9 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने हिलाकर रख दिया। सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गयी है और पुराने भवनों के ढह जाने के कारण हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस वजह से खुले आसमान के नीचे लोगों को रात गुजारनी पड़ी।
    
भारत ने राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने 550 से ज्यादा भारतीयों को निकाला है। कोलकाता के रहने वाले एक और श्रमिक ने कहा कि मैं बीते 20 वर्ष से अपने परिवार के साथ यहां रह रहा हूं। जब भूकंप आया तो हम एक कमरे के अंदर बैठे थे। हम बाहर भागे और लोगों को सुरक्षा की गुहार लगाते देखा।
    
फ्रीलांस फोटोग्राफर थॉमस न्येबो उस समय काठमांडो के थामेल जिले में एक कॉफी दुकान में बैठे थे जब उन्हें हल्का झटका महसूस हुआ और यह धीरे-धीरे यह बढ़ता गया। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा यह क्षेत्र भूकंप से अनजान नहीं है। कई लोगों को लगा कि छोटा मोटा भूकंप है, गुजर जाएगा। लेकिन वह बात नहीं थी। उसी दौरान मलबे में दबी एक महिला को निकलने की कोशिश करते हुए देखा। लोगों को जैसे ही बड़े क्षटके का अहसास हुआ सड़कों पर निकलने के लिए वे भागे। लोग भागे जा रहे थे, भागे जा रहे थे। कुछ भी बचने की कोई उम्मीद नहीं थी।

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