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जलवायु परिवर्तन से निपटने में मोदी ने एकतरफा कदमों के खिलाफ दी चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में आर्थिक बाधा डालने वाले किसी भी एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ आज रात दुनिया को आगाह किया और साथ ही उम्मीद जतायी कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन के...

जलवायु परिवर्तन से निपटने में मोदी ने एकतरफा कदमों के खिलाफ दी चेतावनी
एजेंसीTue, 01 Dec 2015 07:57 AM
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में आर्थिक बाधा डालने वाले किसी भी एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ आज रात दुनिया को आगाह किया और साथ ही उम्मीद जतायी कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा अनुकूलन के लिए सालाना 100 अरब डालर की राशि जुटाएंगे।

यहां सीओपी 21 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह उम्मीद भी जतायी कि विकसित देश एक पारदर्शी तरीके से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे।

मोदी ने कहा, समानता के सिद्धांत लेकिन भिन्न भिन्न जिम्मेदारियां हमारी संयुक्त उद्यमशीलता के मूल सिद्धांत बने रहने चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि विकसित देशों द्वारा वर्ष 2020 तक जोरशोर से सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन समक्षौते को संपन्न करने की दिशा में कदम उठाते हुए एक राष्ट्रीय इच्छाशक्ति तथा वास्तविक वैश्विक भागीदारी की जरूरत को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, हम विकसित देशों से उम्मीद करते हैं कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा अनुकूलन के लिए 2020 तक सालाना 100 अरब डालर की राशि जुटाएंगे।

पारंपरिक उर्जा की आज भी जरूरत होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसे स्वच्छ बनाया जाना चाहिए और इसके इस्तेमाल को बंद करने की बात थोपी नहीं जानी चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि एकतरफा कदमों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करना दूसरों के लिए आर्थिक अवरोधक बन सकता है।

प्रधानमंत्री ने विकसित देशों का आह्वान किया कि वे अपने प्रतिबद्धताओं को विश्वसनीय, पारदर्शी और सार्थक तरीके से पूरा करें।

190 से अधिक देशों के वार्ताकार अगले कुछ दिनों में एक समक्षौते को आकार प्रदान करेंगे। इसके मद्देनजर मोदी ने कहा कि व्यापक कार्बन फुटप्रिंट वाले विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन के मुददों से निपटने की कमान संभालनी चाहिए।

मोदी ने सीओपी 21 शिखर सम्मेलन में कहा, यह केवल ऐतिहासिक जिम्मेदारी का सवाल नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि विकसित देश महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करेंगे और उन्हें हासिल करेंगे क्योंकि उनमें प्रभावों को सहन करने की अधिक गुंजाइश है।

प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद समुदाय से कहा कि लोकतांत्रिक भारत को सवा अरब लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए तेजी से आगे बढ़ना होगा जिनमें से 30 करोड़ लोगों की उर्जा तक पहुंच ही नहीं है।

मोदी ने कहा, जो समृद्ध हैं उनके अभी भी व्यापक पैमाने पर कार्बन फुटप्रिंट हैं लेकिन विकास की सीढ़ी पर सबसे नीचे खड़े दुनिया के अरबों लोग उपर चढ़ने के लिए जगह तलाश रहे हैं।

उन्होंने कहा, यदि हमारे पास जिम्मेदारियों और क्षमताओं को संतुलित करते हुए एक सामूहिक भागीदारी का तानाबना बुनने का विवेक है तो हम सफल होंगे।

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