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चीन की हिमाकत, लद्दाख में 6 किलोमीटर तक घुस आए 11 सैनिक

चीनी सैनिक लद्दाख सेक्टर में इस सप्ताह एक बार फिर भारतीय सीमा में घुस आए। चीन के सैनिक पानगोंग झील इलाके के समीप भारतीय क्षेत्र में करीब 6 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। सूत्रों ने बताया कि यह आठ...

चीन की हिमाकत, लद्दाख में 6 किलोमीटर तक घुस आए 11 सैनिक
एजेंसीSat, 12 Mar 2016 08:47 AM
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चीनी सैनिक लद्दाख सेक्टर में इस सप्ताह एक बार फिर भारतीय सीमा में घुस आए। चीन के सैनिक पानगोंग झील इलाके के समीप भारतीय क्षेत्र में करीब 6 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे।

सूत्रों ने बताया कि यह आठ मार्च की घटना है। उस दिन पीएलए के करीब 11 सैनिक पानगोंग के निकट फिंगर-8 और सिरजाप-1 में काल्पनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए।इन जवानों की अगुवाई कर्नल स्तर का एक अधिकारी कर रहा था।

सूत्रों ने कहा कि चीन के सैनिक चार वाहनों से भारत की ठाकुंच सुरक्षा चौकी से दाखिल हुए और भारतीय क्षेत्र के 5.5 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गए। इन वाहनों में दो हल्के, एक मध्यम और एक भारी वाहन था।

सूत्रों के मुताबिक आईटीबीपी के एक गश्ती दल ने जल्द ही इन चीनी सैनिकों का प्रतिरोध किया और रोका। इसके बाद कुछ घंटे के लिए दोनों तरफ के जवान एक दूसरे के आमने-सामने रहे। फिर स्थिति सहज हो गई और दूसरा पक्ष अपने पुराने स्थल पर लौट गया। इस घटना को लेकर सेना की प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं मिल पाई है। रिपोर्ट के अनुसार चीन के जवानहथियारों से लैस थे और आईटीबीपी जवानों के पास भी हथियार एवं दूसरे साजो-समान थे।

पहले भी हुई ऐसी घटनाएं :
दौलत बेग ओल्डी में मई, 2013 में दोनों पक्षों के बीच तीन सप्ताह तक टकराव के बाद से 90 किलोमीटर की पानगोंग झील के किनारे के इलाके में हालात तनावपूर्ण रहे हैं। चीन फिंगर-4 इलाके में सड़क का निर्माण कराने में सफल रहा है जो सिरिजाप इलाके में भी पड़ती है और एलएसी के पांच किलोमीटर अंदर तक है।

सैनिकों को जल्द मिलेंगे सुरक्षित मोबाइल फोन
नई दिल्ली। सरकार जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों को सुरक्षित मोबाइल फोन मुहैया कराएगी। गृहराज्य मंत्री हरीभाई पार्थीभाई चौधरी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चौधरी ने बताया कि बॉर्डर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को सुरक्षित मोबाइल फोन मुहैया कराने पर सरकार विचार कर रही है। सैनिक 3जी मोबाइल कनेक्शन के माध्यम से अपने परिजनों से बात कर सकेंगे। हर बटालियन का अपना टेलीफोन एक्सचेंज होगा और वे जहां-जहां जाएंगे उसे साथ ले जा सकेंगे। इसके लिए अमेरिकी कपंनी से बात चल रही है जो बक्सों में टेलीफोन एक्सचेंज तैयार करेगी। शुरुआत में एक हजार मोबाइल फोन मुहैया कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एक विशेष खून की जांच करने वाली मशीन को लेकर भी अमेरिकी कंपनी से बात चल रही है। यह सैनिकों को कुछ मिनटों में ही जांच रिपोर्ट दे देगी।

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