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दहशतः पाकिस्तान में बदल रहा आतंकी हमले का पैमाना

पाकिस्तान में पहले आतंकी सिर्फ सरकारी संस्थानों और सुरक्षाकर्मीयों पर ही हमले करते थे। लेकिन अब उनके हमले का पैमाना लगातार बढ़ता और बदलता जा रहा है। अब वह ज्यादातर धार्मिक संस्थान और आम लोगों को...

दहशतः पाकिस्तान में बदल रहा आतंकी हमले का पैमाना
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Mar 2017 09:26 PM
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पाकिस्तान में पहले आतंकी सिर्फ सरकारी संस्थानों और सुरक्षाकर्मीयों पर ही हमले करते थे। लेकिन अब उनके हमले का पैमाना लगातार बढ़ता और बदलता जा रहा है। अब वह ज्यादातर धार्मिक संस्थान और आम लोगों को निशाना बनाने लगे हैं।

पाकिस्तान के जाने-माने अखबार डॉन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इससे वह सरकार पर और अधिक दबाव बनाना चाहते हैं। डॉन ने पिछले तीन-चार साल में पाकिस्तान में हुए कुछ बड़े आतंकी हमलों के तरीके पर यह रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक आतंकी लगातार बड़े पैमाने पर भीड़ को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं ताकि ज्यादा नुकसान हो। आतंकियों का मानना है कि सेना या पुलिस पर हमला करने से सिर्फ राज्य प्रभावित होता है और उनके हमले का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं हो पाता। लेकिन जैसे ही आम लोग उसका शिकार बनते हैं। आतंक की चर्चा होने लगती है और सरकार पर भी दबाव बनता है। यहां तक कि ऐसी खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरने लगती हैं।

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कोर्ट पर निकाला गुस्सा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2007 के बाद से आतंकियों ने अपने साथियों को सजा देने के लिए कोर्ट पर गुस्सा निकाला। इस दौरान पाकिस्तान में कुल 11 बार कोर्ट को निशाना बनाया गया। खैबर पख्तूनवा में आठ, क्वेटा में दो और इस्लामाबाद एक हमला किया गया। इन हमलों में 62 वकील और तीन जज समेत लगभग 170 लोग मारे गए। सबसे खास बात यह है कि देश में जो उलेमा धार्मिक स्थलों पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं वो कोर्ट पर हमले के समय कुछ नहीं बोलते।

हमले में धर्म नहीं आता आड़े
2005 से 2017 के बीच पाकिस्तान के लगभग कई प्रमुख धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमले हुए। अब्दुल्ला शाह गाजी, शाह नूरानी, बारी इमाम, बाबा फरीद समेत कुल सात श्राइन को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कम से कम 269 लोगों की जान गई। इन हमलों से साफ जाहिर होता है कि आतंकी हमले में धर्म कभी आड़े नहीं आता। आतंकी अफगानिस्तान से लेकर सीरिया और इराक में समान रूप से हमले कर रहे हैं। उनका काम सिर्फ दहशत फैलाना है।

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