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फ्रांस की अदालत ने बुर्कीनी पर लगी रोक हटाई, इसे बताया मूलभूत अधिकार

इस्लामिक बिकिनी के रूप में मशहूर बुर्कीनी पर फ्रांस के शहर विलनव लूबे में लगे प्रतिबंध को देश की एक शीर्ष अदालत ने गैरकानूनी करार देते हुए ख़ारिज कर दिया है। अदालत ने इसे व्यक्तिगत आज़ादी और धर्म मानने...

फ्रांस की अदालत ने बुर्कीनी पर लगी रोक हटाई, इसे बताया मूलभूत अधिकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 27 Aug 2016 08:43 AM
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इस्लामिक बिकिनी के रूप में मशहूर बुर्कीनी पर फ्रांस के शहर विलनव लूबे में लगे प्रतिबंध को देश की एक शीर्ष अदालत ने गैरकानूनी करार देते हुए ख़ारिज कर दिया है। अदालत ने इसे व्यक्तिगत आज़ादी और धर्म मानने के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताया है। फ्रांस के करीब दस शहरों ने इस विशेष ड्रेस पर रोक लगायी थी जो इस फैसले के बाद हटाई जा सकती है। 

अदालत ने कहा, 'विलनव लूबे में बुर्किनी पर लगी रोक व्यक्तिगत आजादी, विचारों की स्वतंत्रता और कहीं भी आने-जाने के अधिकार का गंभीर और साफ तौर पर उल्लंघन है।' अदालत ने आगे कहा, ये धर्म मानने या न मानने के अधिकार का भी हनन करती है इसलिए गैरकानूनी है।' 

उधर फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुएल वाल्स ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'इस पर बहस अभी खत्म नहीं हुई है। ये ड्रेस कट्टर इस्लामवाद और पिछड़ापन का प्रतीक है।' उन्होंने कहा कि फ्रांस को एक आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष इस्लाम की जरुरत है न कि विचारों के साथ टकराव करने वाली बुर्कीनी जैसी ड्रेस की।

गौरतलब है कि फ्रांस के कई शहरों में बुर्कीनी पर प्रतिबंध को मानवाधिकार संगठनों ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन बताकर इसके खिलाफ अपील की थी। बुर्कीनी को लेकर फ्रांस और अन्य देशों में जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है।
 

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