फोटो गैलरी

Hindi Newsभारत के सर्जिकल स्ट्राइक को अमेरिका का समर्थन, पाक को लगाई फटकार

भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को अमेरिका का समर्थन, पाक को लगाई फटकार

अमेरिका ने हाल ही में नियंत्रण रेखा के पार भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हुए कहा है कि भारत को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। अमेरिका ने अफगानिस्तान की शांति को कश्मीर...

भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को अमेरिका का समर्थन, पाक को लगाई फटकार
एजेंसीThu, 13 Oct 2016 06:05 PM
ऐप पर पढ़ें

अमेरिका ने हाल ही में नियंत्रण रेखा के पार भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हुए कहा है कि भारत को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। अमेरिका ने अफगानिस्तान की शांति को कश्मीर समस्या से जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास को भी खारिज कर दिया है। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ अधिकारी पीटर लावोय ने उरी के सैनिक शिविर के हमले को सीमा पार की आतंकवाद की स्पष्ट कार्रवाई करार दिया और कहा है कि यह भयावह आक्रमण था। प्रत्येक देश को अपनी रक्षा का अधिकार है।

अमेरिकी अधिकारी ने इसके साथ ही कहा कि भारत तथा पाकिस्तान को अपने बीच लडाइयों के इतिहास को देखते हुये संयम बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा,'भविष्य में इस तरह के आक्रमण को रोकने की भारत की चिंता से हम सहमत हैं। हम भारत की इस स्थिति को भी समझते हैं कि उसे सीमा पार के आतंकवाद से निपटने के लिये सैनिक कार्रवाई की जरुरत पड़ सकती है लेकिन हम उसे इस स्थिति में भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।' 

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन के अधिकारी ने कहा कि ओबामा प्रशासन इस बात का प्रयास कर रहा है कि भारत चालू वर्ष समाप्त होने से पूर्व परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का सदस्य बन जाये। अधिकारी ने पाकिस्तान की इस दलील को खारिज किया कि अफगानिस्तान की स्थिति कश्मीर की घटना से जुड़ी हुई है। हम निश्चित रुप से ऐसा नहीं समझते । अफगानिस्तान की स्थिति कश्मीर से भिन्न है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका तथा भारत के बीच संवाद बढ़ा है।

लावोय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने अपने सामने आनी वाली चुनौतियों पर बातचीत में सहयोग की आदत विकसित की है। उन्होंने कहा कि इस सहयोग ने जिन तीन क्षेत्रों में अच्छी लय पकड़ी है, वे अफगानिस्तान, एशिया प्रशांत एवं अफ्रीका हैं। लावोय ने कहा कि समुद्री सुरक्षा दोनों देशों के बीच सहयोग का अहम क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने साक्षे हितों पर भारत के साथ विचार विमर्श में काफी बढ़ोतरी की है।

लावोय ने कहा कि भारत ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में स्थिरता एवं समद्धि लाने के सामूहिक प्रयासों में दो अरब डॉलर से अधिक राशि की सहायता देने की प्रतिबद्धता जताकर अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के कमांडर भारतीय नेताओं के साथ वार्ता करने के लिए अब नियमित रूप से नयी दिल्ली जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना उचित होगा कि अमेरिकी इतिहास के अन्य किसी भी दौर की तुलना में अमेरिका एवं भारत के रक्षा संबंध पिछले आठ वर्षों में अधिक परिपक्व हुए हैं।

व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, विश्व में ऐसा कोई अन्य देश नहीं है जिसे हम उभरते वैश्विक रक्षा नेता के तौर पर इस तरीके से समर्थन दे रहे हैं। यह अनूठा है। उन्होंने कहा, हमारे इतिहास में हमने किसी अन्य देश के किसी स्वदेशी विमान कार्यक्रम को समर्थन नहीं दिया है। लावोय ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एवं अमेरिका का सहयोग एक वहद सामरिक साक्षेदारी का अहम स्तंभ बन गया है। उन्होंने कहा कि यह उपयुक्त है क्योंकि अमेरिका एवं भारत आतंकवादी कत्यों को वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए ही खतरा नहीं समक्षते बल्कि वे इसे हर नागरिक की सुरक्षा, कानून के शासन, न्याय एवं लोकतंत्र के अपने साक्षे मूल्यों के लिए भी खतरा मानतेहैं।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें