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नेपाल संविधान का पहला मसौदा तैयार

नेपाल में अर्से से लंबित संविधान का पहला मसौदा तैयार हो गया है। इसे मसौदा समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके लागू हो जाने पर नेपाल संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश बन जाएगा। जबकि...

नेपाल संविधान का पहला मसौदा तैयार
एजेंसीMon, 29 Jun 2015 10:46 PM
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नेपाल में अर्से से लंबित संविधान का पहला मसौदा तैयार हो गया है। इसे मसौदा समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके लागू हो जाने पर नेपाल संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश बन जाएगा। जबकि अभी तक यह संवैधानिक रूप से घोषित एकमात्र हिंदू राष्ट्र था।

इस मसौदे को नेपाली राजनीतिक पार्टियों ने 8 जून को हुए 16 सूत्री समझौते के आधार पर तैयार किया है। देश की चार बड़ी राजनीतिक पार्टियां संविधान सभा की 90 फीसदी से अधिक सीटों पर काबिज हैं। संविधान सभा ने समिति को नए संविधान का मसौदा तैयार करने और सौंपने के लिए 15 दिन का वक्त दिया था। तय समय में मसौदा तैयार हो जाने से उम्मीद बंधी है कि नया संविधान जल्द लागू किया जा जाएगा।

मसौदे में शासन की संसदीय प्रणाली अपनाने का प्रावधान है, जिसमें कार्यकारी शक्तियां संसद के जरिये बहुमत से चुने गए प्रधानमंत्री में निहित होंगी। राजनीतिक पार्टियां संसद और राज्य विधानमंडलों में मिश्रित निर्वाचन प्रणाली अपनाने को राजी हुई हैं। इसके तहत 60 फीसदी सदस्य प्रत्यक्ष मतदान से और 40 फीसदी आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के जरिए चुने जाएंगे। संसद में 275 सदस्य होंगे जिनमें 165 प्रत्यक्ष मतदान से और शेष 110 आनुपातिक प्रतिनिधत्व मतदान प्रणाली से चुने जाएंगे।

नए संविधान के तहत नेपाल बहुलवादी व बहुदलीय सिद्धांत पर आधारित लोकतंत्र होगा और इस प्रावधान को बदलने के लिए संविधान में कोई संशोधन नहीं किया जा सकेगा। अन्य सामान्य प्रावधानों में संशोधन दो तिहाई वोट से हो सकेगा। संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के साथ धर्मनिरपेक्षता को अपनाया गया है। राष्ट्रपति के चुनाव के निर्वाचक मंडल में संघीय संसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य होंगे। संसद दो सदनों वाली होगी जबकि राज्य में एक ही सदन होगा। इसके तहत नागरिकता पिता या माता के नाम पर मिल सकेगी।

माओवादी पार्टी ने दी चेतावनी
नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी यूसीपीए (माओवादी) ने संविधान के नए मसौदे के प्रावधानों को 16 सूत्री समझौते की भावना के खिलाफ बताते हुए इस पर हस्ताक्षर नहीं करने की चेतावनी दी है। पार्टी ने कहा कि मसौदा समिति के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद सिताउला ने कुछ शब्द जोड़े हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अग्नि प्रसाद सपकोटा ने कहा कि नागरिकता के प्रावधान में केंद्र, प्रांतों और स्थानीय प्रशासनिक संस्थाओं के साथ 'जिला' शब्द भी जोड़ा गया है जो 16 सूत्री समझौते के खिलाफ है।

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