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भारत ने भूकंप से पीड़ित नेपाल में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ा, झोंकी अपनी ताकत

नेपाल के हालातों को बेहद गंभीर बताते हुए भारत ने राहत एवं बचाव अभियान के साथ वहां फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी का काम भी युद्धस्तर पर छेड़ दिया है। युद्धस्तर पर छेड़ दिया है। एनडीआरएफ के एक हजार...

भारत ने भूकंप से पीड़ित नेपाल में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ा, झोंकी अपनी ताकत
एजेंसीMon, 27 Apr 2015 08:36 AM
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नेपाल के हालातों को बेहद गंभीर बताते हुए भारत ने राहत एवं बचाव अभियान के साथ वहां फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी का काम भी युद्धस्तर पर छेड़ दिया है। युद्धस्तर पर छेड़ दिया है। एनडीआरएफ के एक हजार जवानों की तैनाती के साथ भारत ने 13 सैन्य विमानों और चार नागरिक विमानों को भी बचाव अभियान में लगाया है।

गृह सचिव एलसी गोयल और रक्षा सचिव आरके माथुर के साथ मीडिया से रूबरू हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि शनिवार से अब तक एक हजार भारतीयों को हवाई मार्ग से भारत लाया गया है। इनमें शनिवार को 546 और रविवार को 504 यात्रियों को भारत लाया गया। देर रात तक 130 अन्य भारतीयों के स्वदेश वापसी की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य में समन्वय के लिए गृह मंत्रालय के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी टीम को नेपाल भेजे जाने पर विचार हो रहा है। जयशंकर ने बताया कि 13 सैन्य विमान, तीन असैन्य विमान, छह एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को वापसी और बचाव कार्य में लगाया गया है। चार अन्य हेलीकॉप्टर भी तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। दस टन कंबल, 50 टन पानी और 22 टन भोजन सामग्री के साथ दो टन दवाएं भी काठमांडू भेजी गई हैं।

सेना के तीन फील्ड हास्पिटल और इंजीनियरिंग टास्क फोर्स के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने 34 सदस्यों का एक चिकित्सा दल नेपाल भेजा है। इसमें दस हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं।  स्वास्थ्य मंत्रालय ने पानी शुद्ध करने के तीन संयंत्रों के लिए एक टीम भेजी है। विदेश सचिव ने कहा कि एनडीआरएफ की सात टीमें नेपाल में हैं, रविवार को तीन टीमें रवाना की गईं। अगले कुछ दिनों में छह अन्य टीमों को भेजा जाएगा। प्रत्येक टीम में करीब 45 सदस्य होते हैं।

यूपी-बिहार से जाएंगी 35 बसें
रक्षा सचिव ने कहा कि हमने सड़क मार्ग से नागरिकों की वापसी का बड़ा अभियान छेड़ने का फैसला किया है। इसके तहत भारत ने उत्तर प्रदेश के सनौली बार्डर और बिहार के रक्सौल के रास्ते बसों को नेपाल भेजने का फैसला किया है ताकि सड़क मार्ग से भी भारतीयों की स्वदेश वापसी का काम शुरू किया जा सके। इसके लिए यूपी और बिहार सरकार से संपर्क साधा गया है। गौरतलब है कि नेपाल में त्रिभुवन एयरपोर्ट के अलावा काठमांडू बस टर्मिनल पर भी सैकड़ों की तादाद में भारतीय पर्यटक जमे हुए हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों के लोग हैं। परेशान यात्रियों का कहना है कि काठमांडू से भारत के लिए कोई बस नहीं चल रही है। अब भारत से ही मदद की आस है।

रविवार को भी त्रिभुवन एयरपोर्ट कुछ देर बंद रहा
काठमांडू समेत नेपाल के तमाम इलाकों में भी रविवार को भूकंप के ताजा झटकों और मौसम खराब होने के कारण त्रिभुवन एयरपोर्ट को कुछ घंटों के लिए बंद करना पड़ा। इस कारण भारत से राहत सामग्री और दवाएं लेकर जा रहे विमानों को भी रोकना पड़ा। खबरों के मुताबिक, काठमांडू के लिए रवाना हुए आईएल-76 परिवहन विमान को वापस लौटना पड़ा। हालांकि शाम चार बजे के बाद एयरपोर्ट का संचालन सामान्य हो गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने ट्वीट किया कि ताजा झटकों के बाद सिर्फ वायुसेना के विमानों को उतरने की इजाजत दी गई। यात्री विमानों का परिचालन रोक दिया गया था।

खराब मौसम में भी वायुसेना के हौसले बुलंद
भारतीय हेलीकाप्टरों ने नेपाल में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से 203 लोगों को बचाया
नेपाल में विनाशकारी भूकंप के बाद भारतीय हेलीकाप्टरों ने आज एक के बाद एक कुल 23 घंटे की उड़ानें भरकर फंसे हुए 203 लोगों को बचाया। नेपाल में इस भूकंप से दो हजार लोग मारे गए हैं।

भारत ने वर्तमान समय में नेपाल में वायुसेना के चार एमआई 17 वीजी और दो एमआई17 हेलीकाप्टरों के साथ ही भारतीय सेना के कुछ और हेलीकाप्टर तैनात किये हैं। राजधानी दिल्ली में रक्षा सूत्रों ने बताया कि नेपाली सेना के सहयोग के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टरों ने कुल 23 घंटों की 37 उड़ानें भरी और 203 लोगों को निकाला। उन्होंने बताया कि हेलीकाप्टरों ने करीब 3.7 टन राहत सामग्री गिरायी। कुल मिलाकर भारत ने नेपाल में दो दर्जन से अधिक विमान और हेलीकाप्टर तथा करीब एक हजार प्रशिक्षित कर्मी तैनात किये हैं।

भारत ने 13 सैन्य विमान, एयर इंडिया और जेट एयरवेज के तीन नागरिक विमान, छह एमआई17 हेलीकाप्टर, दो उन्नत हल्के हेलीकाप्टर तैनात किये हैं जबकि दो और एमआई17 हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है।

10 टन कंबल, 50 टन पानी, 22 टन खाद्य सामग्री और दो टन दवाएं काठमांडो भेजी गई हैं। इसके साथ ही सेना के तीन फील्ड अस्पताल और इंजीनियरिंग कार्यबल और असैन्य चिकित्सकों की चिकित्सकीय इकाइयां भी नेपाल भेजी गई हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि रविवार शाम को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान 225 भारतीय यात्रियों को लेकर काठमांडू से नई दिल्ली लौटा है। इससे पहले वायुसेना के चार विमानों के जरिये 546 यात्रियों को स्वदेश लाया गया। अभी महिलाओं, बच्चों और घायलों को वापस लाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि भारत 10 विमानों और 12 हेलीकॉप्टरों को काठमांडू भेज रहा है। शनिवार रात 10.40 बजे से वायुसेना के चार विमान 546 भारतीयों को लेकर नेपाल से यहां आए। पहला विमान सी-130जे चार बच्चों सहित 55 नागरिकों को लेकर आया। मध्य रात्रि को सी-17 विमान 102 यात्रियों को लेकर आया। उसके बाद 152 यात्रियों को लेकर आईएल-76 विमान आया। सुबह करीब चार बजे सी-17 आया जिसमें 237 यात्री थे।

एयर इंडिया ने भी उड़ानें बहाल कीं
एयर इंडिया ने रविवार सवेरे दिल्ली और कोलकाता से एक-एक उड़ानों के साथ भूकंप प्रभावित नेपाल के लिए सेवा बहाल कर दी। यात्री उड़ानों के जरिये भी सात सौ से अधिक यात्रियों को भारत लाया गया।  काठमांडू गए एयर इंडिया के विशेष विमान के जरिये भी 74 यात्री काठमांडू से कोलकाता लाया गया।

एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि 118 और 45 यात्री के साथ दोनों विमानों ने सुबह में करीब साढे़ सात बजे उड़ान भरी। एयर इंडिया राष्ट्रीय राजधानी से रोजाना दो सेवाओं के साथ काठमांडू के लिए तीन सेवाओं का संचालन करती है।

कोलकाता-काठमांडू-कोलकाता उड़ान का सप्ताह में चार बार संचालन होता है। राहत सामग्री के साथ एयर इंडिया नई दिल्ली और कोलकाता प्रत्येक से एक एक अतिरिक्त उड़ानों का संचालन करेगी। भीषण भूकंप के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को रविवार भी कुछ समय तक बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से राहत सामग्री लेकर काठमांडू रवाना हुए एक आईएल-76 परिवहन विमान को वापस हिंडन एयरबेस लौटना पड़ा और दोबारा उड़ान भरनी पड़ी।

चीन और पाकिस्तान से भी मदद पहुंची
चीन ने 62 सदस्यों का बचाव दल नेपाल भेजा है। इसके अलावा खोजी कुत्ते, मेडिकल उपकरण भी भेजे गए हैं। भारत ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) के 285 सदस्यों की एक टीम भी काठमांडू भेजी है। पाकिस्तान ने राहत सामग्री, बचाव टीमों से लैस चार सी-130 विमानों के साथ 30 बिस्तरों का एक मोबाइल हास्पिटल काठमांडू भेजा है। यूरोपीय देशों से भी राहत सामग्री लेकर कई टीमें काठमांडू पहुंची हैं। अमेरिका ने दस लाख डॉलर की मदद की पहले ही घोषणा कर दी है।

नेपाल में फंसे विदेशी नागरिक
250 आस्ट्रिया
500 फ्रांसीसी
34 इंडोनेशियाई
600 इजरायली
1100 जापानी
41 लाताविया
40 स्वीडन

आपरेशन मैत्री
13 सैन्य विमानों को लगाया गया
03 यात्री विमान भी तैनात किए गए
06 एमआई हेलीकॉप्टर भी जुटे
04 अन्य हेलीकॉप्टर भी तैयार रहेंगे
50 टन पानी, दो टन दवाएं भेजी गईं
दस टन कंबल और 22 टन भोजन सामग्री

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