भाषा की वजह से नहीं डिग सकती भारत की धर्मनिरपेक्षता: मोदी
भारत के सरकारी स्कूलों में जर्मन भाषा की जगह संस्कृत को लाये जाने पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमजोर नहीं है कि यह एक भाषा की वजह...
भारत के सरकारी स्कूलों में जर्मन भाषा की जगह संस्कृत को लाये जाने पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमजोर नहीं है कि यह एक भाषा की वजह से हिल जाएगी। भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कल रात कहा कि दशकों पहले जर्मन रेडियो पर संस्कृत में समाचार पढ़े जाते थे। उन्होंने कहा, भारत में उस समय संस्कृत में कोई समाचार नहीं पढ़ा जाता था क्योंकि शायद यह सोचा जाता था कि इससे धर्मनिरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी।
मोदी ने कहा, भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमजोर नहीं है कि यह केवल एक भाषा की वजह से हिल जाएगी। आत्मविश्वास होना चाहिए। आत्मविश्वास नहीं डिगना चाहिए। मोदी ने स्पष्ट तो नहीं किया लेकिन उनकी इन टिप्पणियों को कुछ महीने पहले भारत में केंद्रीय विद्यालयों में तीसरी भाषा के रूप में जर्मन की जगह संस्कृत को शामिल करने पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।