अनपढ़ लोगों को दिल के दौरे का अधिक खतरा, जानें क्यों...
कम पढ़े-लिखे लोगों को अच्छी नौकरी पाने में कठिनाई के साथ जीवन में कई दूसरी परेशानियां झेलनी पड़ती है, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है, यह दावा पहली बार एक नए अध्ययन में किया गया...
कम पढ़े-लिखे लोगों को अच्छी नौकरी पाने में कठिनाई के साथ जीवन में कई दूसरी परेशानियां झेलनी पड़ती है, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है, यह दावा पहली बार एक नए अध्ययन में किया गया है।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी और सैक्स इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने शिक्षा और हृदय रोगों के बीच संबंध स्थापित किया है। उनका कहना है कि हाईस्कूल स्तर पर बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री धारकों के मुकाबले दिल का दौरा या आघात का खतरा दोगुना से भी अधिक होता है। इस अध्ययन की मुख्य शोधकर्ता रोजमैरी कोरडा ने कहा ‘यह तथ्य चौंकाने वाला है, लेकिन अशिक्षित लोगों को हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 150 फीसदी तक अधिक होता है।’
2.67 लाख लोगों पर अध्ययन
शिक्षा और हृदय रोगों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य के 45 से 64 साल के 2,67,153 लोगों पर अध्ययन किया। इनमें पुरुष और महिलाएं, दोनों शामिल थीं। इसमें पाया गया कि व्यक्ति जितना कम शिक्षित होता है, दिल का दौरा और हृदयाघात का खतरा उसे उतना अधिक होता है। यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल फॉर इक्विटी इन हेल्थ में प्रकाशित हुआ।
150 फीसदी अधिक खतरा
इस अध्ययन में दावा किया गया कि स्नातकोत्तर लोगों के मुकाबले जो लोग अनपढ़ हैं, उन्हें हृदय रोगों का खतरा 150 फीसदी अधिक होता है। वहीं दसवीं पास लोगों को 70 फीसदी और स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा 50 फीसदी तक अधिक होता है।
खराब जीवन स्तर जिम्मेदार
इस अध्ययन में कहा गया कि कम पढ़े-लिखे लोगों को अधिक खतरा होने का कारण खराब जीवन स्तर होना है। इस अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और न्यू साउथ वेल्स हर्ट फाउंडेशन से जुड़ी केरी डोयल का कहना है कि शिक्षत लोगों को अच्छी नौकरी मिलती है जिससे उनका जीवन स्तर सुधरता है। वे अच्छी जगहों पर रहते हैं और पौष्टिक भोजन करते हैं। इसके कारण उनका दिल तंदरुस्त रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।