अस्थमा की समस्या दूर कर सकता है विटामिन डी : रिसर्च
अस्थमा की समस्या से दुनियाभर में जूझ रहे लगभग 30 करोड़ मरीजों के लिए खुशखबरी है। भारत समेत ब्रिटेन, जापान, यूके, पोलैंड और कनाडा के 435 बच्चे और 658 वयस्कों में हुए एक विश्लेषण में पाया गया...
अस्थमा की समस्या से दुनियाभर में जूझ रहे लगभग 30 करोड़ मरीजों के लिए खुशखबरी है। भारत समेत ब्रिटेन, जापान, यूके, पोलैंड और कनाडा के 435 बच्चे और 658 वयस्कों में हुए एक विश्लेषण में पाया गया है कि विटामिन डी सप्लीमेंट से अस्थमा के अटैक को कम किया जा सकता है। मरीज यदि विटामिन डी की खाद्य सामग्री, सप्लीमेंट, दवाइयां या फिर सुबह की धूप इत्यादि का सेवन करें तो यह बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा उपर्युक्त देशों में हुए परीक्षण से मिले
फैक्ट्स के आधार पर बताया गया है।
क्या कहता है रिसर्च?
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के दौरान अस्पतालों में अस्थमा से जूझ रहे मरीजों में देखा कि जो लोग विटामिन डी की सप्लीमेंट या टैबलेट खा रहे थे, उनके भीतर अस्थमा के अटैक का असर 3 से 6 प्रतिशत तक कम हुआ। लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के अस्थमा यूके सेंटर फॉर अप्लाइड रिसर्च के प्रोफेसर एड्रियन मार्टिन के द्वारा किए गए रिसर्च के दौरान पाया गया कि अस्थमा से पीड़ित मरीज पहले से बेहतर और खुश हैं।
प्रोफेसर मार्टिन ने मरीजों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हुए कहा कि अस्थमा से पीड़ित अधिकतर वयस्कों में यह परिणाम 3 बार एनलिसिस करने के बाद पता चला। प्रोफेसर मार्टिन ने बताया कि अगर विटामिन डी फायदेमंद है तो बच्चों और वयस्कों में अभी भी ट्रायल की जरूरत है। ऐसा करते रहने से अच्छा परिणाम मिल सकता है, जिससे अस्थमा का असर पहले तो कम होगा और धीरे-धीरे दूर भी हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह बात अपने रिसर्च में स्पष्ट भी किया है कि हो सकता है विटामिन डी टैबलेट का प्रभाव अस्थमा के सभी मरीजों पर असर न करें। प्रोफेसर ने बताया है कि विटामिन डी अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है या नहीं इसका परिणाम रिसर्च स्टडी के कुछ महीने बाद पता चलेगा।
नहीं है कोई साइड इफेक्ट
रिसर्च करने वाले प्रोफेसर ने बताया कि विटामिन डी सप्लीमेंट का सेवन करने वाले अस्थमा के मरीजों में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। यही नहीं बल्कि अस्थमा के लक्षण और फेफड़े से जुड़ी समस्याओं को बढ़ने से भी रोकता है। विटामिन डी सप्लीमेंट स्टोराइड ट्रीटमेंट का काम करता है और मरीजों में अस्थमा के अटैक में कमी लाता है।