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क्या आपने चिकनगुनिया और डेंगू से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके?

इन दिनों रोजाना दर्जनों चिकनगुनिया और डेंगू के मरीज अस्पताल में भर्ती कराए जा रहे हैं। खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान न दे पाने की वजह से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहीं नहीं बल्कि बारिश की वजह...

क्या आपने चिकनगुनिया और डेंगू से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके?
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 06 Sep 2016 07:09 AM
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इन दिनों रोजाना दर्जनों चिकनगुनिया और डेंगू के मरीज अस्पताल में भर्ती कराए जा रहे हैं। खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान न दे पाने की वजह से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहीं नहीं बल्कि बारिश की वजह से भी चिकनगुनिया और डेंगू के शिकार हो रहे हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति के लिए न ही केवल जान का खतरा होता है बल्कि घर के सदस्यों को भी चपेट में ला सकता है। इस समय यह रोग भयानक रूप से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है, इसलिए डेंगू और चिकनगुनिया से रहना दूर है तो इन जरूरी बातों का ध्यान दें। 

बचाव के लिए किन बातों का रखें ध्यान?

चिकनगुनिया और डेंगू एक खतरनाक वायरल रोग है जो की संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू या चिकनगुनिया रोग से ग्रसित कर सकता है। अपने घर के हर कोने-कोने में साफ-सफाई रखें और गंदे पानी को एक जगह जमने न दें। रात में सोते वक्त मच्छरदानी, क्वाइल इत्यादि का जरूर प्रयोग करें। 

याद रखें डेंगू की कोई विशिष्ट चिकित्सा अभी तक उपलब्ध नहीं है। सिर्फ शुरुआती लक्षणों के वक्त ही इलाज कर व्यक्ति को बचाया जा सकता है। बुखार कैसा भी हो इन दिनों में यदि जल्दी आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और मच्छरों से बचाव एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढायें। यही डेंगू से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।

बारिश में बुखार हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं

डेंगू के लक्षणों के संबंध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि कई रोग और अन्य बुखार आदि के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हो सकते हैं और कभी कभी रोगी में बुखार के साथ सिर्फ 1–2 लक्षण होने पर भी डेंगू पॉजिटिव आ सकता है। इसलिए सभी लक्षणों के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। यदि बुखार 1–2 दिन में ठीक ना हो तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाकर चेक-अप करवाना चाहिए क्योंकि कोई भी बुखार डेंगू हो सकता है।

कैसा होता है डेंगू के प्रकोप  

मरीज की स्थिति गंभीर होने पर प्लेट लेट्स की संख्या तेजी से कम होते हुए नाक, कान, मुंह या अन्य अंगों से रक्त स्राव शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं बल्कि ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा ना मिले तो रोगी कोमा में भी चला जाता है जिससे जान जाने का खतरा बना रहता है।

क्या हैं डेंगू के लक्षण?

  • तेज बुखार
  • मांस पेशियों एवं जोड़ों में भयंकर दर्द
  • सर दर्द
  • आखों के पीछे दर्द
  • उल्टी
  • जी मिचलाना
  • दस्त
  • त्वचा पर लाल रंग के दाने

डेंगू से बचने के लिए क्या करें?

  • घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढक कर रखें।
  • यदि जरुरत ना हो तो बर्तन खाली कर के या उल्टा कर के रख दें।
  • कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें।
  • रात में सोते वक्त ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें।
  • मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों के बचाव हेतु करें।

डेंगू से बचने के लिए क्या न करें?

  • घर या घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दें।
  • बुखार होने पर घर में रखी दवा न खाएं।
  • खाना खाने के बाद जूठे बर्तन या कूड़े को ज्यादा देर आस-पास न रखें।
  • घर के बाहर या खुले आसमान के नीचे सोने से बचे।

डेंगू से बचने के आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक तरीके

  • घर की खिड़की आदि में तुलसी का पौधा लगाने से मच्छरों से बचाव होता है।
  • नीम की सुखी पत्तियों एवं कपूर की घर में धूणी करने से मच्छर मर जाते हैं। साथ ही कोने एवं पर्दों आदि के पीछे छिपे हुए मच्छर भी घर के बाहर भाग जाते हैं।
  • नीम, तुलसी, पपीते की पत्तियों का रस, गेंहू के ज्वारों का रस, आंवला का रस डेंगू से बचाव में बहुत उपयोगी है। इनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और डेंगू के वायरस से मुकाबला करने की ताकत आती है।
  • 25 ग्राम ताजी गिलोय का तना लेकर कूट लें , 4–5 तुलसी के पत्ते एवं 2–3 काली मिर्च पीसकर 1 लीटर पानी में उबालें। इसे थोड़ा-थोड़ा कर दिन भर पिएं। यह काढ़ा डेंगू, स्वाइन फ्लू और चिकन गुनिया जैसे वायरल इन्फेक्शन से बचाने में बहुत उपयोगी है।
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