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संत समाज ने खेली फूलों की होली

भूमानिकेतन आश्रम में शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अच्युतानंद तीर्थ के सानिध्य में फूलों की होली खेली गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि होली पर्व को अपनी संस्कृति के अनुरूप ही हमें विधि विधान के साथ...

संत समाज ने खेली फूलों की होली
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Mar 2017 06:10 PM
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भूमानिकेतन आश्रम में शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अच्युतानंद तीर्थ के सानिध्य में फूलों की होली खेली गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि होली पर्व को अपनी संस्कृति के अनुरूप ही हमें विधि विधान के साथ मनाना चाहिये। गरीब असहाय परिवारों का भी होली पर्व पर अवश्य ध्यान रखना चाहिये। किसी भी प्रकार का द्वेष नहीं रखना चाहिये। होली पर्व आपसी भाईचारे का पर्व कहलाता है। इस दौरान सभी संतों ने फूलों की होली खेली और एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। संतों में महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी, महामंडलेश्वर प्रेमानंद, सचिदानंद, विवेकानंद आदि संत शामिल रहे।उधर, अमीर गिरि धाम में संत समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ फूलों की होली खेली गई। होली पर्व की शुभकामनायें देते हुए एक-दूसरे पर पुष्प वर्षा कर खुशियां मनाई। भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत विनोद गिरि ने कहा कि होली पर्व को उल्लास के साथ मनाना चाहिये। मनमुटाव को भुलाकर सभी गिले शिकवों को दूर करना चाहिये। स्वामी ललितानंद ने कहा कि भारतवासियों के लिए अच्छाई का संदेश होली पर्व लेकर आता है। हरियाणा से आये कलाकारों ने होली के गीतों पर प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर महंत साधनानंद, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी ललितानंद, स्वामी सच्चिदानंद, महंत विनोद गिरि , स्वामी संतोषानंद, साध्वी सुधा भारद्वाज, स्वामी सत्यव्रतानंद, स्वामी प्रबोधानंद सहित कई अखाड़ों के संतों महंतों ने भाग लिया।

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