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पब्लिक स्कूलों के खिलाफ कोर्ट जाने का निर्णय

पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने एक बैठक करके कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। स्वयंबर पैलेस में आयोजित बैठक में अभिभावकों ने कहा कि पब्लिक स्कूलों पर सरकार के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे...

पब्लिक स्कूलों के खिलाफ कोर्ट जाने का निर्णय
Sun, 28 May 2017 06:21 PM
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पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने एक बैठक करके कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। स्वयंबर पैलेस में आयोजित बैठक में अभिभावकों ने कहा कि पब्लिक स्कूलों पर सरकार के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे हैं। बैठक में अभिभावकों ने अपने-अपने सुझाव दिये और शीघ्र ही अभिभावक महासंघ का गठन करने का निर्णय लिया गया। अभिभावकों ने कहा कि जिलाधिकारी ने भी बढ़ी फीस वापस करने के आदेश दिए थे। लेकिन पब्लिक स्कूलों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला। सरकार की ओर से शासनादेश जारी किया गया। तब भी कोई राहत नहीं मिली। अभिभावकों ने कहा कि कोर्ट में मामले को ले जाया जायेगा। साथ ही इसमें उत्तराखंड सरकार को भी पार्टी बनाया जायेगा। कारोबारी नेता डॉ. विशाल गर्ग ने कहा कि हाथों में झंडा उठाने से कुछ नहीं होगा। संगठन बनाकर केवल पद बांट लेने से समस्या का हल नहीं होगा। समस्या का हल करना है तो कागजी कार्रवाई के साथ ही कोर्ट का सहारा लेना होगा। ज्वालापुर के कारोबारी नेता विपिन गुप्ता ने कहा कि सरकारी स्कूल चल रहे हैं। शिक्षकों को मोटा वेतन दिया जा रहा है। लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अगर सरकारी स्कूल बेहतर शिक्षा दे रहे होते तो शिक्षा की दुकान के रूप से खुले पब्लिक स्कूलों की मनमानी अपने आप ही रुक जाती। सुनील चौहान ने कहा कि स्कूलों के मनमाने रवैये के कारण अभिभावक परेशान होने के साथ ही गुस्से में भी है। यही वजह है कि अभिभावकों को एक मंच पर आने की जरूरत है। कुछ अभिभावकों ने कहा कि सरकार ने कभी भी पब्लिक स्कूलों पर अंकुश लगाने का काम नहीं किया। यही वजह है कि पब्लिक स्कूल हर साल फीस बढ़ाकर उनकी जेब काट रहे हैं। बैठक में विपिन चौधरी, प्रशांत, विवेक कुमार, विवेक चौहान, शिव कुमार चौहान, दुर्गेश प्रताप, मनोज शर्मा, नाथी चौहान, शोभित, वाषर्णेय, विजय गर्ग, यशपाल चौहान आदि शामिल थे।

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