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राजीव की शहादत पर फूट-फूटकर रोया हरदोई

सियाचिन में ऑक्सीजन की कमी से शहीद हुए राजीव कुमार सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। सेना की टुकड़ी उन्हें पूरे सम्मान के साथ गांव लेकर पहुंची। पार्थिव शरीर के गांव में आते ही...

राजीव की शहादत पर फूट-फूटकर रोया हरदोई
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 May 2017 11:20 PM
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सियाचिन में ऑक्सीजन की कमी से शहीद हुए राजीव कुमार सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। सेना की टुकड़ी उन्हें पूरे सम्मान के साथ गांव लेकर पहुंची। पार्थिव शरीर के गांव में आते ही कोहराम मच गया। पत्नी-बेटे और भाइयों के साथ सभी का रोकर बुरा हाल रहा। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया उसके बाद राजीव सिंह के पार्थिव शरीर का उनके ही बाग में अंतिम संस्कार किया गया।

शाहाबाद के मिठनापुर गांव के रहने वाले राजीव कुमार सिंह सात भाइयों में सबसे छोटे थे। चार जून 1977 को जन्मे राजीव कुमार ने पढ़ाई के बाद अपने बड़े भाई से प्रेरणा ली और मुल्क की हिफाजत के लिए 20 साल की उम्र में ही छह जून 1997 को आर्मी ज्वाइन कर ली। इन दिनों वह कश्मीर के लेह-लद्दाख में तैनात थे और लेह के आगे जूसर चाइना बाॅर्डर पर देश की हिफाजत करते हुए दुशमनों पर नजर गड़ाए थे। बताया गया शहादत के वक्त वो 18 हजार फिट की उंचाई पर थे, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण सीने में दर्द हुआ और वे शहीद हो गए। उनके शव को जूसर की बर्फीली पहाड़ियों से नीचे लाया गया। मंगलवार को दिल्ली पहुंचे उनके पार्थिव शरीर को बाद में सड़क के रास्ते शाहाबाद के लिए रवाना किया गया। सेना के जवान बुधवार की सुबह करीब छह बजे यहां पहुंचे तो गांव के लोग फफक-फफक कर रो पड़े। उन्हें परिवार के बीच ले जाया गया तो 85 वर्षीय बूढ़ी मां शांति देवी पत्नी मधु ओर बेटे आयुष के अलावा उनके भाई और दूसरे रिश्तेदार बिलखते नजर आए। आखरी दर्शन का सिलसिला शुरु हुआ तो अपने लाल को देखने वालों का ताता बंध रहा। पत्नी मधु कई बार बेहोश हुईं। हालत देखकर जो सैनिक राजीव को लेकर यहां पहुंचे वो भी अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं सके।

गॉर्ड ऑफ ऑनर के बाद नौ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

करीब आठ बजे राजीव सिंह का पार्थिव शरीर गांव के करीब एक बाग में ले जाया गया, जहां काफी देर तक श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने का सिलसिला चलता रहा। शहरी का पार्थिव शरीर लेकर यहां पहुंचे गोरखा राईफल्स के सेंट्रल कमांडर और सेना के अन्य अधिकारियों के साथ 20 जवानों ने उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उसके बाद शोक धुन के बाद राजीव सिंह के नन्हे 11 वर्षीय पुत्र आयुष उन्हें मुखग्नि दी।

अंतिम संस्कार के बाद भी डटे रहे फौजी साथी

राजीव सिंह के पार्थिव शरीर को यहां तक लाने वाले फौज के नायब रिसिलदार सीबी सिंह, एएलडी गोपाल, जगभान सिंह, पवन, अमित और एसओडब्ल्यू बल्देव सिंह, सवार पवन दाह संस्कार के बाद भी परिवार वालों के बीच बने रहे। उनकी मौजूदगी ने पत्नी मधु, बेटे आयुष और भाइयों के अलावा मां शांतिदेवी की बूढ़ी आंखों के आंसू पोछे।

विधायक सहित कई हस्तियां रहीं मौजूद

सेना के अधिकारियों और जवानों के अलावा एसडीएम शाहाबाद डीके त्रिगुणायत, सीओ शाहाबाद अरविंद वर्मा, कोतवाल शाहाबाद वीके सिंह समेत तमाम लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें शोक श्रद्धांजलि दी। क्षेत्रीय विधायक रजनी तिवारी के अलावा पूर्व विधायक अनिल वर्मा, भाजपा के जिला अध्यक्ष श्रीकृष्ण शास्त्री, रामनाथ त्रिपाठी, उदयवीर सिंह, नलिन गुप्ता डब्लू, सर्वाधार सिंह, समीर सिंह, कमलेश पाठक भी शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे। विधायक रजनी तिवारी बाद में शहीद के बच्चों से मिलने उनके घर पहुंचीं और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मां शांतिदेवी को ढांढस बंधाया।

होली पर घर आए थे राजीव, जून में आने का था वादा

अपने फर्ज को अंजाम देते हुए देश के लिए शहादत देने वाले राजीव सिंह अभी हाल ही में होली पर गांव आए थे। परिवार के सदस्यों और साथियों के साथ रंग खेलकर वह 20 मार्च को वापस ड्यूटी पर चले गए थे। तड़पती मां का कहना था कि वो हमसे जून की छुट्टी में घर आने का वादा करके गए थे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

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