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सुरंगों की पॉजीटिव रिपोर्ट तय करेगी पंचेश्वर बांध की जगह

उत्तराखंड एवं नेपाल की सीमा पर चम्पावत जिले में महाकाली नदी पर प्रस्तावित भारत और नेपाल के संयुक्त बांध का निर्माण रॉक टेस्टिंग के लिए खोदी जा रही सुरंगों की पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू होगा।...

सुरंगों की पॉजीटिव रिपोर्ट तय करेगी पंचेश्वर बांध की जगह
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Oct 2016 02:50 PM
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उत्तराखंड एवं नेपाल की सीमा पर चम्पावत जिले में महाकाली नदी पर प्रस्तावित भारत और नेपाल के संयुक्त बांध का निर्माण रॉक टेस्टिंग के लिए खोदी जा रही सुरंगों की पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू होगा। रॉक टेस्टिंग के लिए हरियाण की कंपनी वॉफ कोर्स कंपनी पहाड़ी पर सुरंग खोद रही है। दोनों सुरंगों का काम पूरा होने के बाद जमीन की पानी रोकने की क्षमता का आंकलन किया जाएगा। इसी टेस्ट के बाद बांध की जगह तय हो पाएगी। बांध निर्माण के लिए भारत और नेपाल के बीच सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली गई हैं।

हाल ही में भारत और नेपाल के इंजीनियरों की ओर से बांध के डूबे क्षेत्र का नए सिरे से सर्वेक्षण का काम पूरा कर लेने के बाद भारत सरकार ने हरियाणा की कंपनी को दो और सुरंग खोदने के लिए अधिकृत किया है। इन दिनों सुरंग खोदने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इससे पहले खोदी गई 20 से अधिक सुरंगों से रॉक टेस्टिंग के बेहतर नतीजे नहीं निकल पाए थे। इसी के चलते अब कंपनी नए सिरे से दो सुरंगे खोदने का काम कर रही है। नई सुरंग खोदने का काम पूरा होने के बाद रॉक टेस्टिंग के जो नतीजे आएंगे उसके अनुसार ही आगे का काम शुरू होगा।

बांध बनने से भारत के लगभग 15 से 19 गांवों की 50 हजार के करीब की आबादी तथा नेपाल के 8 से 12 गांवों की लगभग 25 हजार की आबादी को विस्थापित किया जाएगा। बांध के निर्माण में 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे पैदा होने वाली 5600 मेगावाट बिजली में भारत और नेपाल दोनों का बराबर हक होगा।

यह होगी बांध की खासियत

-315 मीटर होगी पंचेश्वर बांध की ऊंचाई

-रूपाली गाड़ में भी बनेगा 184 मीटर ऊंचा बांध

-भारत की 16 लाख हेक्टेयर जमीन और नेपाल की 93 हजार हेक्टेयर जमीन की होगी सिंचाई

-परियोजना के निर्माण की कुल लागत का 62.3 फीसदी धनराशि भारत और 37.5 फीसदी धनराशि नेपाल की खर्च होगी

दो सुरंग और खोदी जा रही हैं

पंचेश्वर बांध के लिए नए सिरे से दो सुरंग और खोदी जा रही हैं। इनका उद्देश्य रॉक टेस्टिंग के साथ बांध के पानी को एकत्रित करने के लिए मिट्टी की क्षमता का आंकलन करना है। टेस्टिंग रिपोर्ट के बाद ही बांध बनाने की जगह निश्चित होगी।

-कुलभूषण, सुपरवाइजर, वॉफ कोर्स कंपनी

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