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कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जंक फूड पर पाबंदी

कम उम्र में युवा आज कई बिमारियों की चपेट में आ रहे हैँ। इसकी एक वजह युवाओं में जंक फूड का अधिक सेवन भी शामिल है। युवाओं में जंक फूड खाने से बढ़ रही दिक्कतों को देखते हुए यूजीसी ने कॉलेज एवं विवि में...

कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जंक फूड पर पाबंदी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 15 Nov 2016 10:30 PM
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कम उम्र में युवा आज कई बिमारियों की चपेट में आ रहे हैँ। इसकी एक वजह युवाओं में जंक फूड का अधिक सेवन भी शामिल है। युवाओं में जंक फूड खाने से बढ़ रही दिक्कतों को देखते हुए यूजीसी ने कॉलेज एवं विवि में जंक फूड पर पाबंदी लगा दी है। सभी विवि को इस संबंध में पत्र भी जारी किया है।

यूजीसी के सचिव प्रो. जसपाल एस संधू ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। इसलिए उठाया गया कदमदरअसल उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र मोटापे के शिकार हो रहे हैं। मोटापे से शरीर में आलस बढ़ रहा है और पढ़ाई में छात्रों की एकाग्रता नहीं बन पा रही है। इसके लिए जंकफूड खाने से स्वास्थ्य पर क्या विपरीत प्रभाव हो सकते हैं इसके लिए छात्रों को जागरूक किया जाए। कैंटीन में हेल्थी फूड मिले यह सुनिश्चित किया जाए। छात्रों के बताया जाए कि संतुलित आहार में वह क्या खाएं। किस तरह के व्यायाम से वह स्वस्थ्य रह सकते हैं और उनकी दिनचर्या से आलस दूर हो सकता है।

ये हो रहे हैं नुकसान

थकान-जंक फूड में जरूरी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड बिल्कुल नहीं होता है। जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। हमेशा जंक फूड खाने से शरीर की ऊर्जा खत्म होने लगती हैं। जिसके फलस्वरूप थकान महसूस होती है।

अवसाद-किशोर वर्गों में जंक फूड खाने का चलन बहुत ज़्यादा होता है। इससे उनके शरीर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। स्वभाव में बदलाव और मन के भाव के बार-बार बदलाव होने लगता है।

एसीडिटी -जंक फूड खाने से हाजमा शक्ति दुर्बल होने के साथ-साथ पेट की गड़बड़ी की समस्या रोजमर्रा के जिंदगी का अंश बन जाता है। इसमें फाइबर की मात्रा शुन्य के बराबर होने के कारण हजम करने में भी मुश्किल होता है।

ब्लड-शुगर-जंक फूड में उच्च मात्रा में रिफाइन्ड शुगर होता है जो चयापचय (metabolism) के दर को कम कर देता है। जंक फूड कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन के स्तर को गिरा देता है जिसके फलस्वरूप और भूख लगती है और लोग ज़्यादा जंक फूड खा लेते हैं।

मस्तिष्क -हाल के अनुसंधान से पता चला है कि जंक फूड खाने से ब्रेन के हेल्दी फैट के जगह पर बैड फैट जगह ले लेता है जिससे मस्तिष्क के सामान्य कार्यकलाप में बाधा उत्पन्न होने लगता है।

हृदय संबंधी बीमारी-जंक फूड खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि जंक फूड में कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसेराइड प्रचुर मात्रा में होता है। इससे मोटापा होने और बढ़ने की आंशका बढ़ जाती है।

लीवर -इसमें जो ट्रांस फैट होता है वह लीवर में जम होता है जिसके फलस्वरूप लीवर के सामान्य कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।

प्रो. नागेश्वर रावकुलपति उत्तराखंड मुक्त विवि बोले

यूजीसी ने जो निर्देश दिए हैं। उसे छात्रों को बताया जायेगा। अभी मेरे पास कुमाऊं विवि के कुलपति का प्रभार भी है। वहां पर भी मैं छात्रों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाऊंगा।

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