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बागेश्वर में दूरी के हिसाब से बढ़ जाते हैं मिट्टी तेल के दाम

मिट्टीतेल जिले के मध्यवर्गीय परिवारों के लिए ईंधन का साधन है। अभी भी करीब 30 प्रतिशत लोग स्टोव का इस्तेमाल भोजन तैयार करने में करते हैं। मिट्टीतेल की कीमत यहां दूरी के हिसाब से बढ़ जाती है। जिससे...

बागेश्वर में दूरी के हिसाब से बढ़ जाते हैं मिट्टी तेल के दाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Feb 2017 05:10 PM
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मिट्टीतेल जिले के मध्यवर्गीय परिवारों के लिए ईंधन का साधन है। अभी भी करीब 30 प्रतिशत लोग स्टोव का इस्तेमाल भोजन तैयार करने में करते हैं। मिट्टीतेल की कीमत यहां दूरी के हिसाब से बढ़ जाती है। जिससे उपभोक्ताओं को दाम में अंतर होना शक पैदा करता है। जिले को 45 केएल केरोसिन की जरूरत हर माह है। इसके अलावा रसोई गैस और लकड़ी पर भी अभी लोग भोजन तैयार करते हैं।

मिट्टीतेल पहाड़ के मध्यवर्गीय और गरीब परिवारों की जरूरत है। जिन गांवों में बिजली नहीं है वहां मिट्टीतेल के लैंप अभी भी जल रहे हैं। शहरों में कमरा लेकर रहने वाले अधिकतर परिवार स्टोप पर भोजन बनाते हैं। रसोई गैस अभी 30 फीसद लोगों की पहुंच से दूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में 50 प्रतिशत लोग अभी भी लकड़ी पर ही खाना बना रहे हैं। मिट्टीतेल के दाम नगर, कस्बा, गांव में अलग-अलग होने की उपभोक्ताओं को शिकायत रहती है। लेकिन पेट्रोलियम विभाग ने मिट्टीतेल के दाम दूरी से तय किए हैं। जितनी दूरी होगी उतनी कीमत लोगों को चूकानी पड़ रही है। जिससे उपभोक्ताओं में एक तरह का आक्रोश भी है। स्टोव पर खाना बना रहे मंगल और संदीप कहते हैं कि मिट्टीतेल मिलता नहीं है। उन्हें अधिक दाम पर खरीदना पड़ता है। राशनकार्ड में एक लीटर ही केरोसिन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब दो वक्त का भोजन बनाने के लिए रोज ईंधन खोजने निकल पड़ते हैं।

किमी के हिसाब से रेट:बागेश्वर में केरासिन के दाम किमी के हिसाब से निर्धारित किए गए हैं। जय अंबे ऑयल डीलर हैं। नगर में 19.75, गरुड़ और कपकोट में 19.95 प्रति लीटर की दर पर मिट्टीतेल मिलता है। 20 किमी दूरी पर 19.90, 20 से अधिक पर 19.95 और जहां सड़क नहीं है, वहां 20 रुपये प्रतिलीटर मिट्टीतेल उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इसके अलावा गरुड़ और कपकोट में 20 किमी तक 20.10, इससे अधिक 20.15 और 20.20 रुपये प्रतिलीटर तेल की कीमत निर्धारित है।

प्रभारी डीएसओ, जेएस कंडारी ने बताया कि मिट्टी तेल के दाम इसबीच हर 15 दिन में बदल रहे हैं। दूरी के हिसाब से तेल कंपनी दर तय करती हैं। केरोसिन प्रत्येक उपभोक्ता तक पहुंचे, इसके लिए विभाग पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहा है।

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