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बाल विदुषी ने उठाया बीमारियों से ग्रस्त गायों को बचाने का बीड़ा

फ्लैग-होडल में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एकमात्र गौ सेवा धाम अस्पताल में होता है गायों की गंभीर बीमरियों का इलाज व ऑपरेशन विनोद शर्मापलवल। मरती हुई बीमार और लाचार गायों को बचाने के लिए खोले निशुल्क...

बाल विदुषी ने उठाया बीमारियों से ग्रस्त गायों को बचाने का बीड़ा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Apr 2017 04:40 PM
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फ्लैग-होडल में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एकमात्र गौ सेवा धाम अस्पताल में होता है गायों की गंभीर बीमरियों का इलाज व ऑपरेशन

विनोद शर्मा

पलवल। मरती हुई बीमार और लाचार गायों को बचाने के लिए खोले निशुल्क अस्पताल में पिछले करीब तीन वर्षों में तीन हजार गायों को बचाया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यूपी की सीमा से सटे हुए पलवल के होडल में बनाए गए गौ सेवा धाम अस्पताल में इस समय करीब चार सौ बीमार गायों का इलाज चल रहा है। गौ सेवा में समर्पित इस अस्पताल को देखने के बाद यहां गायों की सेवा में लगे डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ अन्य गौ पालकों को नमन करने का दिल करता है। यहां पर कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है। दुर्घटनाग्रस्त गायों के बड़े से बड़े ऑपरेशन करने और दवाइयों की व्यवस्था अच्छे से की जा रही है।

देवी चित्रलेखा कर रहीं संचालन : मात्र 20 वर्ष की उम्र में देश-विदेश में 200 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी देवी चित्रलेखा इस अस्पताल का संचालन कर रही हैं। मूल रूप से पलवल के हसनपुर कस्बे के गांव खांबी में जन्मी देवी चित्रलेखा मात्र सात साल की उम्र से ही भागवत कथा कर रही हैं, जिसका आस्था आदि चैनलों में सीधा प्रसारण किया जाता है। कथा के माध्यम से गायों के बचाने के संदेश के साथ-साथ अस्पताल के लिए सहयोग किया जाता है।

गौ सेवा धाम अस्पताल में हरियाणा और यूपी के होडल से 70 किलोमीटर के दायरे से बीमार तथा दुर्घटनाग्रस्त लाचार गायों को एंबुलेंट्री सिस्टम से लाया जाता है। चार एंबुलेंस फोन पर सूचना मिलते ही दुर्घटनाग्रस्त, त्यक्त और पशु तस्करों से छुड़ाई गई गायों को यहां लाने के लिए निकल पड़ती हैं। बीमारियों की जांच एवं शोध के लिए एक उन्नत और उच्चस्तरीय मापदंडों पर आधारित प्रयोगशाला बनाई हुई है।

गाय की दुर्दशा देख अस्पताल चलाने का संकल्प लिया : देवी चित्रलेखा का कहना है कि गाय का गोबर और मूत्र भी गुणकारी और असंख्य बीमारियों को नष्ट करने वाला है, लेकिन सबसे ज्यादा दुर्गति आज गौ माता की हो रही है। गाय सड़कों पर मारी-मारी फिरती हैं, कूड़ा, कचरा और गंदगी का सेवन करते-करते बीमार हो जाती हैं और मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं। सड़कों पर विचरते हुए वाहनों की चपेट में आकर चोटिल हो जाती हैं। फिर वे इलाज नहीं होने की दशा में अक्सर तड़पकर मरती हैं।

गंभीर बीमारियों से ग्रस्त गायों का चल रहा इलाज :- गौ सेवा धाम अस्पताल होडल में इस समय दर्जनों गाय अंधी हैं, जो या तो जन्मजात अंधी थीं या फिर बीमारियों का समय पर इलाज नहीं होने कारण अंधी हो गईं। सैकड़ों की संख्या में ऐसी गायों का पालन यहां पर किया जा रहा है, जो तीन पैरों वाली हैं। दुर्घटना के बाद या अन्य बीमारी के कारण जिनके एक पैर को काटना या निकालना पड़ा। दर्जनों गायें इतनी अशक्त हैं, जिनको सेवक अपने हाथों से चारा और भोजन खिलाते हैं। दर्जनों गायें ऐसी हैं, जो खड़ी भी नहीं हो सकती हैं।

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