फोटो गैलरी

Hindi Newsमलेरिया को मात देने की तैयारी

मलेरिया को मात देने की तैयारी

साइबर सिटी को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तीन चरणों में अभियान चलाएगा। इनमें सर्वे, स्लाइड, जागरूकता के साथ मच्छर पनपने वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली छोड़ने की तैयारी है। विभाग ने...

मलेरिया को मात देने की तैयारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 08:20 PM
ऐप पर पढ़ें

साइबर सिटी को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तीन चरणों में अभियान चलाएगा। इनमें सर्वे, स्लाइड, जागरूकता के साथ मच्छर पनपने वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली छोड़ने की तैयारी है। विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू भी कर दिया है।

पहले चरण में घर-घर जाकर सर्वे और मलेरिया संभावित मरीजों की स्लाइड बनाने का काम शुरू हो चुका है। प्रति माह 20 से 25 हजार स्लाइड बनाने का लक्ष्य तय किया है। दूसरे चरण में निजी कंपनियों और गैरसरकारी संगठनों की मदद से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए डीएचएफएल, होंडा, डीएलएफ और मेदांता के अलावा गैरसरकारी संगठन साइनर्जी, विश संस्था और ग्रामीण विकास समिति से करार किया गया है। तीसरे चरण में मलेरिया के मच्छर पनपने वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली छोड़ी जाएगी।

तीसरा चरण बारिश के दिनों में अगस्त-सितंबर माह में शुरू होगा। अधिकारियों का कहना है कि इस त्रिस्तरीय प्रहार से मलेरिया पर नकेल कसने में काफी मदद मिलेगी।

विभागों के बीच तालमेल का अभाव

विभाग के सामने दूसरी संस्थाओं से तालमेल बिठाने की चुनौती बनी हुई है। इसके अभाव में पिछले साल विभाग के अभियान को पूरी सफलता नहीं मिल पाई थी और 36 मामले सामने थे। 2015 के मुकाबले मलेरिया के केसों की संख्या आधी रह गई थी।

यह है चुनौती

मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभागों से मदद मांगी जाती है। बाकायदा प्रशासन की ओर से एक कमेटी गठित होती है, जो सुनिश्चित करती है कि सरकारी कार्यालयों और उनके अधीन आने वाले क्षेत्रों में मच्छर न पनप पाएं। आपसी तालमेल की कमी से कई जगह पर जलभराव होता है, जो कि मच्छरों के पनपने का कारण बनता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि इस चुनौती को पार किए बिना मलेरिया पर पूरी तरह से नकेल असंभव है।

मलेरिया पीड़ित मरीजों के आंकड़े

वर्ष मरीजों की संख्या

2016 36

2015 67

2014 79

2013 212

2012 599

---

वर्जन--

गुरुग्राम में मलेरिया पीड़ित मरीजों की संख्या साल दर साल कम हो रही है। पिछले पांच सालों में मलेरिया से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया है। मलेरिया रोधी अभियान शुरू किया जा चुका है। प्रयास है कि मलेरिया पर पूरी तरह से अंकुश सुनिश्चित किया जाए।

डॉ. एसएस सरोहा, जिला मलेरिया अधिकारी, गुरुग्राम

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें