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संभावना के भरोसे

दुनिया समस्या विहीन हो जाएगी, तब यहां कोई दुख नहीं होगा। ऐसी कल्पना में वह अक्सर खोए रहते थे। काफी समय इस तरह की कल्पना में गुजर गया, लेकिन समस्याएं कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही थीं। एक दिन उनके...

संभावना के भरोसे
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 18 Jan 2016 09:27 PM
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दुनिया समस्या विहीन हो जाएगी, तब यहां कोई दुख नहीं होगा। ऐसी कल्पना में वह अक्सर खोए रहते थे। काफी समय इस तरह की कल्पना में गुजर गया, लेकिन समस्याएं कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही थीं। एक दिन उनके दोस्त ने पूछा- यार, क्या बात है, किस कल्पना में खोए रहते हो? अरे यार, सोचता हूं कि एक दिन दुनिया से समस्याएं खत्म हो जाएंगी और किसी को किसी से न कोई शिकायत रहेगी और न ही किसी को कोई दुख होगा। दोस्त जोर से ठहाका मारकर हंसा और बोला- ठीक कहते हो। एक वक्त ऐसा आएगा कि रात का नामोनिशां न होगा। केवल दिन ही दिन होगा। पर तब कैसी होगी दुनिया, सोचो? ‘यार, क्या फिजूल की कल्पना करते हो?’ दोस्त बोला- रात यदि गायब नहीं हो सकती, तो समस्याओं का नामोनिशां कैसे खत्म होगा? दुनिया समस्याविहीन हो जाए, यह सिर्फ कल्पना में संभव है। समस्या में ही संभावना खोजने वाला बुद्धिमान होता है।

हम नकारात्मक विचारों से इतने घिरे रहते हैं कि संभावना के तत्व हमारे विचारों से गायब ही हो जाते हैं। लेकिन यदि हम नकारात्मक विचारों की जगह सकारात्मक विचारों को आगे बढ़ाते जाएं, तो स्थिति बहुत ही सुखद बन सकती है। दूसरों को दोष देने में हम जितना वक्त जाया करते हैं, यदि इस वक्त का उपयोग हम सकारात्मक सोच पर ध्यान केंद्रित करने में लगाएं, तो समस्या समस्या नहीं, बल्कि समाधान नजर आने लगेगी। जब हम अच्छी तरह यह जान लेते हैं कि प्रत्येक समस्या में उसका समाधान और संभावना भी निहित होती हैं, तो हमारे अंदर की नकारात्मकता सकारात्मकता में बदलने लगती है। किसी पर दोष मढ़ना, किसी से नफरत करना या क्रोध करना अपनी ऊर्जा को व्यर्थ गंवाना है। माना जाता है कि एक व्यक्ति की समस्या दूसरे व्यक्ति के लिए अवसर है। हम उस अवसर का कितने सही ढंग से उपयोग करते हैं, यह हमारे ऊपर है।

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