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जोरू न जाता, अल्ला मियां से नाता

वह घनघोर साहित्यिक प्रतिभा थे। घनघोर क्या मूसलाधार समझिए। कमी यह थी कि उन्हें न प्रतिष्ठा प्राप्त थी, न लोकप्रियता। खुंदक में उन्होंने अपना निजी साहित्य परिवार रच डाला। सबसे बड़े बेटे का नाम रखा-...

जोरू न जाता, अल्ला मियां से नाता
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Jun 2016 09:38 PM
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वह घनघोर साहित्यिक प्रतिभा थे। घनघोर क्या मूसलाधार समझिए। कमी यह थी कि उन्हें न प्रतिष्ठा प्राप्त थी, न लोकप्रियता। खुंदक में उन्होंने अपना निजी साहित्य परिवार रच डाला। सबसे बड़े बेटे का नाम रखा- उपन्यास। उसके बाद दो बेटियां हुईं- कहानी देवी और कविता कुमारी। उनके बाद के बेटे का नाम रखा- संस्मरण। फिर दो बेटियां हुईं- आलोचना व डायरी देवी। उसके बाद एक अपंग बेटा हुआ, नाम रखा- व्यंग्य। उनके नवीनतम बच्चे के नामकरण का निमंत्रण मुझे मिला। मैंने सविनय पूछा- इस बच्चे का नाम क्या रखेंगे सर? वह थोड़ा विचलित हुए, फिर बोले- अब बचा ही क्या है भाई, चुटकुला रख देंगे। मेरे अलावा कोई न हंसा। पूछा- जब यह सब नहीं करते, तब आप क्या करते हैं? वह बोले- जुमलेबाजी करते हैं और क्या? मैंने कहा- यह काम तो नेता करते हैं। वह बोले- साहित्य में भी तो नेता होते हैं। मैंने कहा- खैर छोड़िए। भाभी जी कैसी हैं? बोले- अब तो वह नहीं रहीं। इस बच्चे को जन्म देते ही चली गईं।

मैंने पूछा- तो अब क्या करते हैं सर? उन्होंने एक बड़ी जम्हाई ली, उंगलियां चटकाईं और बोले- अब क्या करता है भइया। जोरू न जाता, अल्ला मियां से नाता। अब इस अकेली जीभ से नाजायज जुमले ही निकलेंगे। बच्चों की मां के न रहने पर पिता तो प्राकृतिक रूप से रिटायर ही हो जाता है। मैंने उनसे जुमलेबाजी के बारे में कुछ और पूछा। उन्होंने बताया- देखो भई, जुमलेबाजी में कटाक्ष भी है, हास्य भी है और दूसरों को जलील करने की ताकत भी। जुमले फेंके जाएं, तो चिपक जाते हैं, अच्छे दिनों की तरह। वह मूड में थे। उन्होंने बताया कि एक जमाने में शरद जोशी और परसाई जी उनसे जुमलों का डिक्टेशन लेते थे। उन्होंने एक राज बताया कि- भइया, नींव में पत्थर को पूछता कौन है? दरअसल, श्रीलाल शुक्ल के राग दरबारी  को मैंने ही लिखवाया था। मैंने पूछा- झूठ क्यों बोलते हैं? वह बोले- इससे व्यंग्य में चमक आती है। मैंने फिर पूछा- जब झूठ-सच कुछ नहीं बोलते, तब क्या करते हैं? मादक अंगड़ाई लेते हुए बोले- अब करना क्या है यार। जोरू न जाता, अल्ला मियां से नाता।

 

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