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किरपा भी और साथ में काली मिर्च भी

बाबाजी लोग मोक्ष, किरपा के साथ काली मिर्च और आटा, टूथपेस्ट भी बेचने लगे हैं। अलबत्ता टूथपेस्ट कंपनियां इतनी काबिल नहीं हो पाईं कि टूथपेस्ट के साथ किरपा-मोक्ष भी बेच सकें। एक ही धंधे पर फोकस न रहकर...

किरपा भी और साथ में काली मिर्च भी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Mar 2016 09:45 PM
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बाबाजी लोग मोक्ष, किरपा के साथ काली मिर्च और आटा, टूथपेस्ट भी बेचने लगे हैं। अलबत्ता टूथपेस्ट कंपनियां इतनी काबिल नहीं हो पाईं कि टूथपेस्ट के साथ किरपा-मोक्ष भी बेच सकें। एक ही धंधे पर फोकस न रहकर साथ में दूसरे धंधे डालने की चतुराई को डाइवर्सिफिकेशन कहा जाता है।

एक सिगरेट कंपनी है, जो आटा भी बेचती है। कभी सिगरेट से ज्यादा कमा लिया, तो कभी आटे से, पूरी मंदी कभी नहीं झेलनी पड़ती है। इंडियन बाबा लोगों ने पर्याप्त होशियारी दिखाते हुए अपना धंधा डाइवर्सिफाई कर लिया। टूथपेस्ट कंपनियां न कर पाईं, सिर्फ टूथपेस्ट बेचती रह गईं। सो वे परेशानी में हैं।

बाबा डीलक्स किरपा के साथ स्टैंडर्ड काली मिर्च का पैकेज-ऑफर दे सकते हैं। ऐसी छूट टूथपेस्ट कंपनियों को नहीं है। सिर्फ टूथपेस्ट है उनके पास। कस्टमर केयर के मामले में भी ये टक्कर नहीं दे सकतीं। खालिस टूथपेस्ट कंपनी के टूथपेस्ट में कुछ ऊंच-नीच हो जाए, तो कस्टमर परेशान कर मारते हैं। बाबा लोगों के पास कस्टमर को बताने के लिए काफी कुछ होता है कि कोई बात नहीं, टूथपेस्ट में कमी रह गई, तो हम मोक्ष में एडजस्ट कर देंगे। आपने इकोनॉमिक क्लास का मोक्ष बुक कराया था, हम मुफ्त में इसे अपग्रेड करके एक्जीक्यूटिव क्लास मोक्ष कर रहे हैं।

टूथपेस्ट कंपनियों को अब कंपटीशन में टिके रहना है, तो उनको बाबागिरी में भी हाथ आजमाने पड़ेंगे। वैसे यह बुरा भी नहीं है। कंपटीशन हर फील्ड में अच्छा होता है। अमेरिकी टूथपेस्ट कंपनी अमेरिकन टाइप के बाबा इंडिया में उतार दे, तो बाबागिरी के क्षेत्र में भी कुछ नयापन आ जाएगा। हरिद्वार के बाबाओं के मुकाबले न्यूयॉर्क के बाबा भी हों, तो चुनाव में वेरायटी बढ़ जाएगी।
मुझे एक सीन दिखाई दे रहा है- विश्वामित्र तपस्या कर रहे हैं। तपस्या भंग करने के लिए मेनका मौके पर पहुंचकर विश्वामित्र को रिझाने की कोशिश कर रही हैं। विश्वामित्र कह रहे हैं- हे मेनका, रिझाना छोड़ो, तुम मेरे सौंदर्य साबुन के लिए मॉडलिंग कर लो। इतने भर से मैं खुद सरेंडर हुआ मान लूंगा। कंचन हासिल करने के लिए अब सुंदरी की जरूरत होती है। वेलकम मेनका।
आलोक पुराणिक

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