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भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई

यूपीए के शासनकाल में बीजेपी ने जिस तरह से कड़े तेवर वाले विपक्ष की भूमिका निभाई, कांग्रेस भी अब अपने मुट्ठी भर सांसदों के बूते वैसा ही जवाब विपक्ष के रूप में दे रही है। भ्रष्टाचार के मामले पर...

भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 04 Aug 2015 08:35 PM
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यूपीए के शासनकाल में बीजेपी ने जिस तरह से कड़े तेवर वाले विपक्ष की भूमिका निभाई, कांग्रेस भी अब अपने मुट्ठी भर सांसदों के बूते वैसा ही जवाब विपक्ष के रूप में दे रही है। भ्रष्टाचार के मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेर रखा है। व्यापम घोटाले के परिमाणों को देखें, तो यह मुद्दा निश्चित ही स्थानीय या प्रांतीय स्तर से आगे जाता है। लेकिन उस पर आरोप-प्रत्यारोप का जो दौर चला है, उसमें कई मुद्दे ऐसे चले आए हैं, जिन्हें उठाने के पीछे मकसद यही दिखता है कि वर्चस्व और झुकाने की लड़ाई चल रही है।... वरना क्या कारण है कि व्यापम में बीजेपी राज्य स्तर पर या केंद्रीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है? वह क्यों इस मुद्दे पर अहं पाले बैठी है? इस मामले में कांग्रेस उससे अधिक ही अंक ले जा रही है, क्योंकि यूपीए के शासनकाल में मनमोहन सिंह सरकार से मंत्रियों के इस्तीफे होते रहे।

आरोप लगे, हल्ला हुआ और इस्तीफा हुआ। बीजेपी तो इतने तक भी नहीं पहुंची है। इससे हम उसकी पॉलिटिक्स को भी समझ सकते हैं। लेकिन आज की यह स्थिति बनी है कांग्रेस के दौर से ही। सत्ता राजनीति में भ्रष्टाचार के पहले पाठ इस देश की आजादी के उपरांत कांग्रेसी सत्ताओं के भीतर या उनके ईदगिर्द ही नजर आएंगे। पर आज त्रिपुरा सरकार को छोड़ दें, तो शायद कोई भी सरकार ऐसी नहीं होगी देश में, जिस पर भ्रष्टाचार की तोहमतें न हों। अब ये रोज का किस्सा है। दूसरे आरोपों-प्रत्यारोपों के साथ लोकतंत्र की इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का मामला पीछे छूट रहा है।
डायचे वेले में शिवप्रसाद जोशी

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