जादू और चुनौती
एक साल में प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? हाल के वर्षों में इस देश ने जितना उन्हें सुना है, जितने ध्यान से सुना है, उतना और उतने ध्यान से किसी को नहीं सुना। अखबारों में आए सर्वे बताते हैं...
एक साल में प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? हाल के वर्षों में इस देश ने जितना उन्हें सुना है, जितने ध्यान से सुना है, उतना और उतने ध्यान से किसी को नहीं सुना। अखबारों में आए सर्वे बताते हैं कि खाते-पीते भारत की निगाह में नरेद्र मोदी अब भी देश के सबसे बडे़ व भरोसेमंद नेता हैं। ऐसे नेता, जिनसे भारत के 21वीं सदी की महाशक्ति बनने का विश्वास जागता है। लेकिन यह जादू किस चीज से बना है और कैसे कायम रहेगा? यह मोदी की शख्सियत में इस भरोसे से बना है कि वह काम कराना जानते हैं, कि गुजरात को उन्होंने विकास का रास्ता दिखाया है, देश को भी दिखाएंगे। असली कसौटी इस भरोसे पर खरा उतरने की है। इस कसौटी की रस्सी पर लेकिन प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के कदम कुछ कांपते हुए मालूम होते हैं। जिस विचारधारा ने मोदी को यहां तक पहुंचाया है और जिस पूंजी ने इस काम में उनकी मदद की है, दोनों धीरे-धीरे अपना हिसाब मांग रही हैं।
एक को हिंदू धर्म और संस्कृति का परचम चाहिए, तो दूसरे को विकास के नाम पर जमीन, ढीले श्रम कानून, मुनाफे की गारंटी आदि। मोदी सरकार अगर विचारधारा को कुछ दिनों के लिए स्थगित भी कर दे, तब भी पूंजी की मांग को नजरअंदाज नहीं कर सकती।... मगर सामाजिक समरसता व आर्थिक बराबरी को साधकर ही मोदी अपनी राजनीति को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। यहां लड़खड़ाए, तो जनता अपने प्रिय से प्रिय नेताओं को इतिहास की गली दिखाने से नहीं चूकती।
एनडीटीवी खबर में प्रियदर्शन