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लहसुन से मच्छरों- कीड़ों के सफाए का डीडीयू का फॉर्मूला गूगल पर हिट

डीडीयू के जुलॉजी विभाग के शोध में साबित हुआ है कि अन्य कीटनाशकों की अपेक्षा लहसुन में कीड़ों-मच्छरों को मारने की क्षमता काफी अधिक है। यहां हुए इस शोध के निष्कर्षों पर आधारित प्रो. डीके सिंह व डॉ....

लहसुन से मच्छरों- कीड़ों के सफाए का डीडीयू का फॉर्मूला गूगल पर हिट
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 17 May 2017 07:01 PM
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डीडीयू के जुलॉजी विभाग के शोध में साबित हुआ है कि अन्य कीटनाशकों की अपेक्षा लहसुन में कीड़ों-मच्छरों को मारने की क्षमता काफी अधिक है। यहां हुए इस शोध के निष्कर्षों पर आधारित प्रो. डीके सिंह व डॉ. वीके सिंह के शोध पत्र को गूगल पर खूब सराहना मिल रही है। इसे दुनिया भर के करीब 7500 लोगों ने सराहा है और अपने शोध में कोट किया है।

लहसुन के औषधीय गुणों पर तो हजारों वैज्ञानिकों ने शोध कर कई शानदार नतीजे निकाले हैं मगर स्वास्थ्य के सुपर स्टार माने जाने वाले इस लहसुन से मच्छरों- कीड़ों के सफाए पर वैज्ञानिकों ने अभी कम काम किया है। इनमें डीडीयू भी एक है। यहां प्रो. डीके सिंह के निर्देशन में डॉ. वीके सिंह ने वर्ष-1993 में शोध शुरू किया। लहसुन में गंधक की प्रचुर मात्रा होती है। जब इसे काटते या छीलते हैं तो एंजाइम एलीनेज इसमें मौजूद एलिन को एलिसिन में बदल देता है। एसिलिन ऐसा तत्व है, जिससे कीड़े व मच्छर मर जाते हैं। यहां तक कि चौबीस घंटे किसी की शरीर में यदि एसिलिन रहा तो इसके बाद यह अजोइन में बदल जाता है और इंसान के रक्त में अजोइन का आभास होने पर मच्छर या कीड़े उसे काटने से भी कतराते हैं।

यह नतीजा सामने आने के बाद प्रो. डीके सिंह की टीम ने आगे इसके पेस्टीसाइडल इस्तेमाल पर काम करने की इच्छा जताई और यूजीसी को प्रोजेक्ट भेजा। यूजीसी ने प्रोजेक्ट को स्वीकार कर लिया और इसके बाद यूजीसी के निर्देशन में काम शुरू हुआ। बाद में लहसुन के पेस्ट को प्रयोग घोंघे की एक खास प्रजाति पर किया गया। इस घोंघे में तलैया रोग का जनक फैसियोला जीवन पाता है। केवल 7 मिली ग्राम लहसुन के घोल से पचास फीसदी से अधिक घोंघे मर गए।

इसके बाद कुछ कीड़ों पर लहसुन के पेस्टीसाइडल गुण का प्रयोग किया गया। मच्छरों पर भी प्रयोग हुआ तो पाया गया कि लहसुन की बहुत कम मात्रा ही इन्हें मार देती है। फसलों का नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों पर तो यह शत प्रतिशत असरकारक पाया गया। कुछ कीड़ों में यह तत्काल असर डालने वाला नहीं पाया गया तो फिर कीड़ों की आंतरकि बनावट का अध्ययन किया गया। कुछ और औषधीय गुण वाले पौधों के साथ लहसुन का इस्तेमाल किया तो इन्हें मारने में भी सफलता मिल गई। प्रो. डीके सिंह ने बताया कि इस फॉमूले को अब पेटेंट कराने पर काम चल रहा है। कुछ औपचारिकताएं रह गई हैं। कीड़ों व मच्छरों पर लहसुन का बड़ा असर यह होता है कि या तो वह उन्हें मार देता या फिर उनकी नई जेनरेशन आने की संभावना पूरी तरह से बंद कर देता है।

लहुसन के औषधीय गुणों ने बनाया इसे स्वास्थ्य का सुपर स्टार

प्रो. डीके सिंह ने बताया कि लहसुन का औषधीय गुण लाजवाब है। इसके इस्तेमाल का कुछ नतीजे इस प्रकार हैं।

-चीन में इसका सेवन सर्वाधिक लोग करते हैं। वहां कैंसर से मरने की संख्या बेहद कम है।

-भारत दूसरे नंबर का लहसुन उत्पादक देश है। लहसुन का नियमित सेवने करने वालों को हार्ट अटैक, बीपी, मधुमेह, गठिया, अस्थमा और एसिडिटी आदि बीमारियों का असर काफी कम हो जाता है।

-अमेरिका में एड्स रोगियों पर इसका खूब प्रयोग हो रहा है। इसका इस्तेमाल करने वालों की प्रतिरोधक क्षमता में गजब का विकास देखा गया है।

-लहसुन एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करता है।

-हार्ट अटैक आने पर डॉक्टर सबसे पहले नाइट्रोग्लिसरीन का इन्जेक्शन लगाते हैं, जो एचटूएस पैदा करता है है और ब्लॉकेज खुल जाते हैं। लहसुन खाने से ब्लॉकेज की समस्या आने की संभावना बेहद कम हो जाती है, क्यों कि इसमें एचटूएस प्रचुर मात्रा में निकलता है।

-फसलों, पशुओं व इंसानों को नुकसान पहुंचाने वाले मच्छरों-कीड़ों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण साबित होगा डीडीयू के जुलॉजी विभाग का शोध

-बॉयोमेडिकल साइंस की साइट पर मौजूद डीडीयू के इस शोध पत्र को दुनिया भर के करीब 7500 लोगों ने सराहा और अपने शोध में दिया है उद्धरण

-लहसुन के पेस्टीसाइडल फॉर्मूले को पेटेंट कराएंगे जुलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. डीके सिंह व डॉ. वीके सिंह

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