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12 हजार करोड़ से गोरखपुर में दौड़ेगी मेट्रो, बनेंगे 30 स्टेशन

मेट्रो को लेकर जीडीए और राइट्स के बीच डीपीआर को लेकर बुधवार को एग्रीमेंट हो गया। डीपीआर आठ महीने में तैयार हो जाएगा। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से शहर में मेट्रो दौड़ेगी। 30 किमी लंबे मेट्रो में...

12 हजार करोड़ से गोरखपुर में दौड़ेगी मेट्रो, बनेंगे 30 स्टेशन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Apr 2017 07:20 PM
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मेट्रो को लेकर जीडीए और राइट्स के बीच डीपीआर को लेकर बुधवार को एग्रीमेंट हो गया। डीपीआर आठ महीने में तैयार हो जाएगा। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से शहर में मेट्रो दौड़ेगी। 30 किमी लंबे मेट्रो में 30 स्टेशन प्रस्तावित किये जा सकते हैं।

कमिश्नर अनिल कुमार की मौजूदगी में जीडीए उपाध्यक्ष ओएन सिंह और राइट्स के जीएम सिविल इंजीनियरिंग, अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रेम रंजन कुमार ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया। डीपीआर के लिए जीडीए ने राइट्स संस्था को 50 लाख रुपये का चेक भी दे दिया है। कमिश्नर अनिल कुमार ने कहा कि 26 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जीडीए सभागार में राइट्स के इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन दिया था, ठीक एक महीने बाद एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुआ है। डीपीआर का कार्य सप्ताह भर के अंदर शुरू हो जाएगा। राइट्स के लोगों को प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष ओएन सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गोरखपुर के यातायात को सुगम बनाने के लिए मेट्रो जरुरी है। ट्रैफिक जाम से जूझ रहे शहर के लिए राहत के नये युग की आज शुरूआत हो रही है।

डीपीआर पर 3.15 करोड़ और सीएमपी पर खर्च होंगे एक करोड़

राइट्स संस्था डीपीआर बनाने के लिए 10.50 लाख रुपये प्रति किमी की दर से भुगतान लेगा। डीपीआर पर 3.15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जीडीए 50 लाख रुपये देगा और शेष रकम शासन को देना है। वहीं एक करोड़ रुपये कम्प्रहेसिंव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) पर खर्च होंगे।

आठ महीने में तैयार हो जाएगा डीपीआर

राइट्स के अधिकारी प्रेम रंजन ने बताया कि आठ महीने के अंदर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो जाएगा। इसके लिए राइट्स के 50 से अधिक अफसर और कर्मचारी लगेंगे। कुछ कार्य के लिए आउटसोर्सिंग की जाएगी। डीपीआर में मेट्रो का रूट और स्टेशन तय होगा। रूट को लेकर जो विवाद होगा उसे डीपीआर से पहले ही दूर कर लिया जाएगा। एक बार डीपीआर में जो रूट और स्टेशन तय हो जाएगा उसे बाद में बदला नहीं जा सकेगा। डीपीआर तैयार होने के बाद केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की मंजूरी में एक साल का वक्त लगेगा। इसके बाद कार्य शुरू हो जाएगा।

12 हजार करोड़ लागत, 30 स्टेशन

राइट्स के अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक सर्वे के आधार पर 15 किमी अंडर ग्राउंड और 15 किमी ऊपर से मेट्रो संचालित होने की संभावना है। राइट्स की कोशिश होगी कि अंडर ग्राउंड मेट्रो अधिक न बने। क्योकि अंडर ग्राउंड मेट्रो पर पहले और बाद में खर्च अधिक आता है। हालांकि वाटर लेवल कोई संकट नहीं है। उन्होंने बताया कि मेट्रो की अनुमानित लागत करीब 12 हजार करोड़ आएगी। एक किमी अंडर ग्राउंड मेट्रो में 550 करोड़ और ऊपर से मेट्रो दौड़ाने में 225 से 250 करोड़ रुपये की लागत आती है। प्राथमिक सर्वे के मुताबिक शहर में करीब तीस किमी लंबाई मेट्रो संचालित होगी। पहला रूट, मोहरीपुर(श्याम नगर) से सूबा बाजार के बीच करीब 18 किमी होगा वहीं दूसरा रूट, ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर जक्शन इन्क्लेव(गुलरिहा) तक करीब 12 किमी का होगा। प्रत्येक एक किमी पर मेट्रो का ठहराव होगा। ऐसे में 30 स्टेशन बनने की उम्मीद है।

जिसका मकान टूटेगा उसे बेहतर आवास मिलेगा

मेट्रो के निर्माण में जिनकी जमीन ली जाएगी उन्हें बाजार दर से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। वहीं जिनके मकान टूटेंगे उन्हें समझौते के आधार पर आवास दिया जाएगा। विवाद की स्थिति न हो इसके लिए अलग से एक टीम होगी।

32 साल बाद के गोरखपुर को लेकर तैयार होगा प्रोजेक्ट

मेट्रो का डीपीआर 32 साल बाद के गोरखपुर को लेकर तैयार किया जाएगा। इसके लिए सर्वे होगा कि गोरखपुर के लोग एक दूसरे स्थान पर जाने के लिए कौन से साधन का उपयोग करते हैं। कहां से कहां तक सबसे अधिक ट्रैफिक होती है। आने वाले दिनों में ट्रैफिक के लिहाज से कौन सा क्षेत्र अहम होगा। टेम्पो, रिक्शा और यातायात के साधन को लेकर भी टीम सर्वे करेगी।

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