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गोरखपुर में डीपीटी का इंजेक्शन खत्म, नहीं लग पा रहा बच्चों को टीका

गोरखपुर के मासूम बच्चों पर डिप्थीरिया का खतरा मंडरा रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए लगने वाला डीपीटी का इंजेक्शन खत्म हो गया है। करीब ढाई लाख मासूमों को हर साल यह इंजेक्शन लगता है। इससे नियमित...

गोरखपुर में डीपीटी का इंजेक्शन खत्म, नहीं लग पा रहा बच्चों को टीका
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 06 Dec 2016 10:10 PM
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गोरखपुर के मासूम बच्चों पर डिप्थीरिया का खतरा मंडरा रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए लगने वाला डीपीटी का इंजेक्शन खत्म हो गया है। करीब ढाई लाख मासूमों को हर साल यह इंजेक्शन लगता है। इससे नियमित टीकाकरण अभियान को झटका लगा है।

डिप्थीरिया दो से 10 वर्ष तक के बच्चों को होने वाली संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी से बचाव के लिए एक वर्ष के आयु के बच्चों को डीपीटी का टीका लगाया जाता है। इसके छह महीने बाद दूसरा बूस्टर डोज लगाया जाता है। आठ वर्ष की आयु के बाद बच्चे को तीसरा डोज लगाया जाता है।

खाली है स्टॉक

जिले में करीब ढाई लाख बच्चों को यह इंजेक्शन लगाया जाता है। एक वॉयल से दस बच्चों को इंजेक्शन लग सकता है। शासन से विभाग हर साल करीब ढाई हजार डीपीटी इंजेक्शन के वॉयल की मांग की जाती है।

मांग के सापेक्ष शासन से अब तक सिर्फ पांच हजार वॉयल ही मिला था। नवम्बर महीने में वह भी खत्म हो गया। इसके बाद से लगातार विभाग शासन से इंजेक्शन की मांग कर रहा है।

अपर निदेशक कार्यालय ने भी खड़े किए हाथ

ऐसा नहीं है कि इस इंजेक्शन का संकट सिर्फ जिले में ही है। अपर निदेशक कार्यालय में स्थित मंडलीय दवा स्टोर में भी यह इंजेक्शन नहीं है।

सीमएओ कार्यालय से वहां से मांग की गई पर अपर निदेशक कार्यालय ने हाथ खड़ा कर दिया। आलम यह है कि बीते तीन हफ्तों से जिले में डीपीटी का टीका बच्चों को नहीं लग रहा है।

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