गाजीपुर: अच्छे प्रदर्शन से विकास ने भारत को दिलाया स्वर्ण
थाईलैन्ड के बैंकाक में 24 से 28 अप्रैल तक चली आईएचएफ ट्राफी हैंडबाल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में भारत ने उजबेकिस्तान को 3 गोल से हरा कर प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीत लिया। भारत की ओर से अपने जिले के...
थाईलैन्ड के बैंकाक में 24 से 28 अप्रैल तक चली आईएचएफ ट्राफी हैंडबाल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में भारत ने उजबेकिस्तान को 3 गोल से हरा कर प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीत लिया। भारत की ओर से अपने जिले के ग्राम मुहम्मदपुर, विकास खंड बाराचवर निवासी विकास यादव ने पूरे प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रतियोगिता में भारत का मुकाबला थाईलैन्ड, कोरिया और उजबेकिस्तान से हुआ। जिसमे भारत नें थाइलैन्ड को 3 गोल से हराया। उजबेकिस्तान को 6 गोल से हराया। कोरिया से 1 गोल से हार गया। फिर भी अपने ग्रुप में प्रथम स्थान पर रहा। फाइनल में एक बार फिर मुकाबला उजबेकिस्तान से हुआ। भारत ने उजबेकिस्तान को 3 गोल से हरा कर ट्राफी पर कब्जा जमाया।
इससे पहले विकास यादव जुलाई 2016 में जार्डन में आयोजित एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके है। इसके अलावा वर्ष 2014 में इटली में आयोजित वर्ल्ड चैम्पियनशिप मि भी भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। तीन भाइयो में सबसे छोटे विकास के पिता पारस नाथ यादव बिरहा गायक हैं तथा माता गिरिजा देवी कुशल गृहणी है। हैंडबाल खेलने की शुरूआत विकास ने 2009 में वाराणसी के सिगरा स्टेडियम शुरू की। 2010 में उसका चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सैफई हास्टल में हो गया। जहां से 2012 में इनका चयन नेशनल हैंडबाल एकेडमी, भिलाई हुआ। एकेडमी से इन्होंने इन्दौर, केरल, गुन्टूर, ग्वालियर, जमशेदपुर तथा जोरहाट(असम) में आयोजित जूनियर नेशनल प्रतियोगिता खेली। जमशेदपुर और जोरहाट में विकास ने टीम के लिये रजत पदक जीता। वर्ष 2014 में इटली से खेल कर वापस आने पर तत्कालीन प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने विकास को स्मृति चिन्ह और 5 लाख रुपये का नगद पुरस्कार दे कर सम्मानित किया था। अब थाईलैन्ड से वापस लौटने के बाद 30 अप्रैल को खेल मंत्री विजय गोयल ने पूरी भारतीय टीम को सम्मानित करने के लिये नयी दिल्ली बुलाया है।