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गाजीपुर: जिला अस्पताल में पहुंचा एंटीरैबीज इंजेक्शन

जिला अस्पताल में शुक्रवार को एंटीरैबीज इंजेक्शन न होने के चलते मरीजों व उनके परिजनों के हंगामे के बाद शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मंगवाने के बाद मरीजों को लगाए गए। जिला अस्पताल में...

गाजीपुर: जिला अस्पताल में पहुंचा एंटीरैबीज इंजेक्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Apr 2017 05:10 PM
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जिला अस्पताल में शुक्रवार को एंटीरैबीज इंजेक्शन न होने के चलते मरीजों व उनके परिजनों के हंगामे के बाद शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मंगवाने के बाद मरीजों को लगाए गए। जिला अस्पताल में सौ के लगभग एंटीरैबीज इंजेक्शन पहुंच गए हैं।

'हिन्दुस्तान' ने अपने शनिवार के अंक में 'एंटीरैबीज सुई न होने पर जताई नाराजगी' शीर्षक से फोटो सहित खबर प्रकाशित की थी। शुक्रवार को काफी संख्या में कुत्ते समेत अन्य जानवरों के काटे हुए मरीज व उनके परिजन जिला अस्पताल में एंटीरैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे थे। अस्पताल में पर्चा बनवाने के बाद मरीज जब एंटीरैबीज लगवाने के लिए कक्ष में पहुंचे तो उनको बताया गया कि एंटीरैबीज इंजेक्शन समाप्त हो गए। जिसके चलते मरीजों ने नाराजगी जताते हुए सीएमएस कार्यालय के पास हंगामा किया था। हंगामे की खबर छपने के बाद जिला अस्पताल प्रशासन तत्काल हरकत में आया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से तत्काल सौ के लगभग एंटीरैबीज इंजेक्शन मंगवाए। जिसके बाद शनिवार को कुत्ते व अन्य जानवरों के काटे हुए मरीज जिला अस्पताल पहुंचे तो उनको इंजेक्शन लगवाए गए। जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. बीके श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर दो से ढाई सौ मरीज एंटीरैबीज लगवाने के लिए आते हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचसी व पीएचसी में भी यह व्यवस्था है। परन्तु वहां के फार्मेसिस्ट एंटीरैबीज न होने की बात कहकर वापस कर देते है। जिसके चलते सारे मरीज जिला अस्पताल आते हैं। बताया कि अब जिला अस्पताल में एंटीरैबीज आ गए हैं और मरीजों को लगाया जा रहा है।

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