पूर्व विधायक ने की नए ट्यूबवेल, रिजर्व टैंक चालू करने की मांग
स्कूल संचालक 11 मई तक बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क नहीं लेंगे। जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को 13 स्कूलों और अभिभावकों की बैठक में अपर जिलाधिकारी ने यह आदेश पारित किया। उन्होंने साफ कहा कि 11 मई की जांच...
स्कूल संचालक 11 मई तक बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क नहीं लेंगे। जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को 13 स्कूलों और अभिभावकों की बैठक में अपर जिलाधिकारी ने यह आदेश पारित किया। उन्होंने साफ कहा कि 11 मई की जांच रिपोर्ट के बाद ही बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क पर फैसला होगा।
अपर जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों से कहा कि वह अभिभावकों पर बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क जमा करने का दवाब बनाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावक वर्ष 2016-17 के अनुसार ही स्कूलों में बच्चों की फीस जमा कराए। 11 मई तक जो स्कूल फीस जमा नहीं करा रहे हैं, उनसे फीस पर जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
बैठक में अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने का दवाब बना रहे हैं। साथ ही सीबीएसई के नियमों की अनदेखी कर स्कूल ड्रेस और स्टेशनरी स्कूल से ही खरीदने का दवाब बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो अभिभावक बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क जमा करा चुके हैं, उन्हें वापस दिलाया जाए।
अपर जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को निर्देश दिए कि स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही पढ़ाई जाएंगी। साथ ही अभिभावक बच्चों की ड्रेस और पढ़ाई सामग्री खरीदने के लिए स्वतंत्र है। जिस स्कूल की भी शिकायत मिलती है, उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही स्कूलों को एनओसी की शर्तें निजी स्कूल बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देश भी दिए हैं। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी स्कूल संचालकों को 18 अप्रैल की बैठक में बनाए गए नियमों का पालन करना होगा। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक राज सिंह यादव, बीएसए लालजी यादव, स्कूल संचालक व अभिभावक मौजूद रहे।