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नौकरी के नाम पर हजारों को ठगने वाले गिरफ्तार

नौकरी दिलाने के नाम पर हजारों लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। साहिबाबाद पुलिस ने तीन फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी का खुलासा करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास...

नौकरी के नाम पर हजारों को ठगने वाले गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 24 May 2017 07:11 PM
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नौकरी दिलाने के नाम पर हजारों लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। साहिबाबाद पुलिस ने तीन फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी का खुलासा करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 16 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, एक स्वाइप मशीन व फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश भर में फैला हुआ है। ये शातिर सिक्योरिटी और ट्रांसफर रसीद देकर पैसे लेते थे। पुलिस टीम कई शहरों में इस गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

नोएडा निवासी अभिनव और उड़ीसा निवासी सुरेंद्र पंडा ने पुलिस को इस गिरोह के बारे में सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस ने नोएडा और गाजियाबाद में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 10 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें अलीगढ़ निवासी मुकेश सिंह, बिहार के मोतिहारी निवासी संदीप कुमार, औरैया निवासी संदीप मजूमदार, राजस्थान के टोंक निवासी नुरुल इस्लाम, एटा निवासी अतुल सिंह, राजस्थान के माधोपुर निवासी रोहित शर्मा, हरियाणा के कैथल निवासी राजकुमार, अलीगढ़ निवासी अनिल कुमार, शाहजहांपुर निवासी शोभित मिश्र और मैनपुरी निवासी पंकज सूर्यवंशम शामिल हैं। ये सभी आरोपी नोएडा और गाजियाबाद में रह रहे थे। वह यहां इंदिरापुरम, साहिबाबाद और नोएडा के होशियारपुर में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी चला रहे थे।

ऐसे करते थे ठगी

ये आरोपी अखबारों में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के बारे में विज्ञापन देते थे। सिक्योरिटी गार्ड, सुपरवाइजर, सेना से लेकर प्राइवेट कंपनियों में नौकरी की इच्छा रखने वाले लोग इनके झांसे में आ जाते थे। उनसे एडवांस के नाम पर दो से 10 हजार रुपये लिया जाता था। फिर कथित रूप से उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था। उन्हें कुछ दिनों के लिए दूसरे शहर में इसी तरह की फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियों में ट्रेनिंग के लिए भेजते थे। इसके एवज में भी हजार से दो हजार रुपये लेते थे।

देश भर में फैला है नेटवर्क

एसपी सिटी का कहना है कि पूछताछ में पता चला कि देश के कई शहरों में इसी तरह की फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियां चल रही हैं। उनसे इन लोगों के संपर्क हैं। इलाहाबाद, जयपुर, दिल्ली, पटना, बंगलुरु, भुवनेश्वर से लेकर कोलकाता व अन्य शहरों में चल रही एजेंसियों से इनका संपर्क है। पैसे लेने और कथित ट्रेनिंग के बाद कॉल लेटर का इंतजार करने को कहा जाता था। कॉल लेटर नहीं आने पर लोग चक्कर लगाते रहते थे। कम पैसे फंसे होने के कारण अधिकतर लोग पुलिस से शिकायत नहीं करते थे।

सभी आरोपी ठगी के शिकार हो चुके हैं

गिरफ्तार सभी आरोपी इसी तरह की ठगी के शिकार हुए थे। इसके बाद उसी तर्ज पर ये सभी ठगी करने लगे। गिरोह का मास्टरमाइंड मुकेश सिंह है। वह अलीगढ़ से बीएससी पास है। वह वर्ष 2012 में एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नौकरी के लिए दिल्ली आया था। वह ठगी का शिकार हो गया तो उसी प्लेसमेंट एजेंसी से जुड़ गया और लोगों को ठगने लगा। इसके बाद उसका तबादला औरैया कर दिया गया। औरैया से लौटने के बाद उसने खुद ही ठगी के शिकार कई लोगों को जोड़ा और प्लेसमेंट एजेंसी खोलकर लोगों को ठगने लगा।

हर महीने ढाई लाख तक की कमाई

गिरोह के शातिर हर महीने ढाई लाख रुपये तक कमा लेते थे। यह गिरोह पिछले तीन साल से काम कर रहा था और इनका फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी का पता हमेशा बदलता रहता था। पुलिस का कहना है कि आधे दर्जन से अधिक खातों की जानकारी मिली है, जिसमें रोजाना पैसों का लेनदेन होता था। पिछले एक साल में इन लोगों ने 25 लाख रुपये कमाए थे।

प्रोडक्ट भी बिकवाते थे

इन बदमाशों ने वर्तमान में प्लेसमेंट एजेंसी का नाम साईं हर्बल प्रोडक्ट रखा था। एजेंसी में आने वाले लोगों से एडवांस लेकर पहले कुछ प्रोडक्ट बिकवाते थे। शैंपू, साबुन, तेल, क्रीम जैसे प्रोडक्ट बेचने का टारगेट देते थे। टारगेट पूरा करने पर ही ऑफर लेटर देने का झांसा देते थे। कई युवक टारगेट पूरा करने के लिए खुद ही प्रोडक्ट खरीदकर एजेंसी में पैसे दे देते थे।

एक शिकायत पर खुलासा

उड़ीसा के गंजम के रहने वाले सुरेंद्र पंडा ने विज्ञापन देखकर इस एजेंसी से संपर्क किया। एजेंसी की तरफ से उसे एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी का आश्वासन दिया गया। उसने गाजियाबाद आकर एजेंसी को तीन हजार रुपये दिए, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली। अंत में उसके पास केवल 100 रुपये बचे वह भी एजेंसी वालों ने ले लिए। इसके बाद उसने गाजियाबाद पुलिस से शिकायत की।

नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का नेटवर्क देश भर में फैला हुआ है। इस गिरोह के संपर्कों की जानकारी जुटाई जा रही है और दूसरे राज्यों की पुलिस से संपर्क कर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

आकाश तोमर, एसपी सिटी

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