हाथियों के झुंड ने मकरा गांव पर बोला हमला, पांच घर को किया ध्वस्त
घाटशिला प्रखंड में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। चाडरी गांव की घटना लोग भूले भी नहीं थे कि मंगलवार रात 12 बजे कालचित्ति पंचायत के माकरा गांव में 20 हाथियों के झुंड ने हमला बोल दिया।...
घाटशिला प्रखंड में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। चाडरी गांव की घटना लोग भूले भी नहीं थे कि मंगलवार रात 12 बजे कालचित्ति पंचायत के माकरा गांव में 20 हाथियों के झुंड ने हमला बोल दिया। झुंड ने लगभग चार घंटों तक गांव में उत्पात मचाया और पांच घरों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। घरों में रखे अनाज चट कर गये। गांव लगे कटहल पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया। हाथी तबतक गांव में डटे रहे, जबतक कि उनका पेट नहीं भर गया।
घरों में दुबके तबाही का मंजर देखते रहे लोग : हाथियों का झुंड निरंजन महतो, श्रीकृष्ण महतो, बलराम महतो, गुड़ा सोरेन एवं सावित्री महतो के घरों को तबाह करता रहा, वहीं ग्रामीण घरों में दुबके अपने बर्बादी का मंजर देखते रहे। उत्पात मचाने के बाद तालाब में पानी पीकर चिंघारते जंगल की ओर निकल गये।
ग्रामीणों की खबर लेने पहुंचे पंचायत प्रतिनिधि : इधर, तबाही की सूचना मिलने पर जिप सदस्य देवयानी मुर्मू, मुखिया सोमवारी सोरेन, पंसस मुचूराम भूमिज, फॉरेस्टर पवन सिंह गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के हुए नुकसान की सूची बनाई और भरपाई कराने का आश्वासन दिया।
बाल-बाल बचे दो मासूम : झुंड ने जिस समय निरंजन सिंह के घर पर हमला बोला, उस समय दो बच्चे पांच वर्षीय भूतनान महतो व तीन वर्षीय दीप्ति रानी महतो घर में सो रहे थे। लेकिन, घर टूटने की आवाज आते ही दोनों बच्चे जग गये। वहीं, मां ने दूर से भागने की आवाज लगा दी। बच्चे किसी तरह अंधेरे में छिप अपनी मां के कमरे में गये और उनकी जान बची। दो तीन तीन मिनट और घर में रहते तो छत उनपर गिर जाती और बड़ा हादसा हो जाता।
रात 12 से सुबह 4 बजे तक मचाया उत्पात : रात 12 बजे हाथियों का झुंड एदेलबेड़ा पहाड़ से नीचे उतरा और मकरा गांव में हमला बोल दिया। उन घरों को निशाना बनाया, जिनमें दीवार से सटाकर चावल या धान रखे गये थे। चावल व धान खाने के लिए घरों को पूरी तरह तोड़ डाला। झुंड ने चार घंटों तक किसी को घरों से निकलने नहीं दिया। संयोग खराब था कि गांव के अधिकतर पुरुष पुनगोड़ा में आयोजित छउ देखने चले गये थे।
गांव के जमाई समेत दो लोगों को कैनाल में पटका : गांव आने के दौरान झुंड ने एदेलबेड़ा के समीप कैनाल के पास दो लोगों सूंड से पकड़ पटक डाला। इनमें एक प्रीतम का जमाई भी था। दोनों को गंभीर चोटें आईं।
फिर गांव आ सकते हैं हाथी : ग्रामीणों की मानें तो हाथियों का झुंड फिर आ सकता है। क्योंकि, जिन घरों को तोड़कर धान खाया, वहा काफी मात्रा में धान व चावल रखे हुए थे। हाथियों ने कुछ खाया र कुछ छोड़ दिया। भूख लगने पर फिर वे गांव पर हमला बोल सकते हैं।
जिप सदस्य ने एसडीओ से मुआवजे को लेकर की बात : हाथियों के हमले में तबाह हुए पांच परिवारों को तत्काल मुआवजे देने की मांग जिप सदस्य देवयानी मुर्मू ने एसडीओ सुशांत गौरव से की है। कहा, वन विभाग से मुआवजा मिलने में कम से कम छह माह का समय लग जायेगा, तबतक पीड़ित कहां रहेंगे और क्या खायेंगे। एसडीओ ने कुछ न कुछ उपाय निकालने का भरोसा दिया।