आध्यात्मिक अवस्था के लिए लामाओं ने किया नृत्य
कालचक्र पूजा के दूसरे दिन परम पावन दलाई लामा की उपस्थिति में लामाओं ने नृत्य करके इष्ट देव का आह्वान किया ताकि अनुष्ठान बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। कालचक्र के लिए बनने वाले तांत्रिक पूजा मंडप को...
कालचक्र पूजा के दूसरे दिन परम पावन दलाई लामा की उपस्थिति में लामाओं ने नृत्य करके इष्ट देव का आह्वान किया ताकि अनुष्ठान बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। कालचक्र के लिए बनने वाले तांत्रिक पूजा मंडप को मंत्रोच्चार से शुद्ध किया गया। कालचक्र पूजा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष तेनजिंग गुंटोक ने बताया कि तिब्बती पंरपरा में कालचक्र पूजा एक तांत्रिक साधना है। इसमें विश्वात्मा की पूजा की जाती है। इसका उद्देश्य तंत्र साधना द्वारा चित्त को अध्यात्मिक अवस्था में ले जाना है और चित्त पर वाह्य दुष्प्रभाव को कम करना है जिससे मन में सद्विचार, करुणा, मैत्री व सदभावना उत्पन्न हो सके। श्री गुंटोक ने बताया कि इस साधना से अकुशल कर्म का नाश होगा। पूजा के साधकों को शील, समाधि और प्रज्ञा का पालन करना होता है। इसके बगैर उनके अनुष्ठान पूर्ण नहीं होगा।