संस्कार और संस्कृति का उदाहरण है मेरी फिल्म : खेसारी
गया। निज संवाददाता छह साल के सिनेमा कैरियर में ‘मेंहदी लगाके रखना मेरी सबसे अच्छी फिल्म है। इसमें अश्लीलता नहीं है। देश के कई सिनेमाघरों में पिछले दो सप्ताह से यह लगी है। इसमें संस्कार और संस्कृति...
गया। निज संवाददाता
छह साल के सिनेमा कैरियर में ‘मेंहदी लगाके रखना मेरी सबसे अच्छी फिल्म है। इसमें अश्लीलता नहीं है। देश के कई सिनेमाघरों में पिछले दो सप्ताह से यह लगी है।
इसमें संस्कार और संस्कृति दोनों का मिश्रण दिया गया है। ये बातें भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने फिल्म ‘मेंहदी लगाके रखना के प्रमोशन के दौरान रविवार को कहीं।
उन्होंने कहा कि पहले लोग भोजपुरी को बहुत निम्न स्तर का मानते थे। मगर गत कुछ वर्षों में भोजपुरी ने अपनी छवि सुधारी है। खेसारी लाल ने इस मौके पर कहा कि भोजपुरी को न सिर्फ हमारे देश बल्कि दूसरे देशों में भी लोकप्रियता बढ़ी है। ‘मेंहदी लगाके रखना एक पारिवारिक फिल्म है। इसमें गांव की खुशबू को रूपहले पर्दे पर दिखाया गया है।
कलाकार का कोई मजहब नहीं होता
खेसारी लाल ने अपनी होली पर रिलीज होने वाले नई फिल्म बाबरी मस्जिद की विशेषता बताते हुए कहा कि एक कलाकर का कोई मजहब नहीं होता। वह अपनी कला को हर जाति धर्म में दिखाना चाहता है।
खेसारी लाल यादव ने प्रेस वार्ता के बाद एपीआर सिनेमा घर के दर्शकों से बातचीत की और फिल्म का गाना गाया। फिल्म के प्रमोशन के वक्त उनके साथ भोजपुरी नायक संजय पाण्डेय, सुप्रसिद्ध आनंद मोहन व और अवधेश मिश्रा के साथ-साथ एपीआर सिनेमाघर के मालिक अविनाश सिंह उपस्थित थे।