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तो ऐसे करें प्राइवेट ब्राउजिंग, नहीं होगी हिस्ट्री दर्ज

कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले यूजर की ऑनलाइन एक्टिविटी का पूरा ब्योरा हिस्ट्री में दर्ज हो जाता है। इससे कोई भी यह आसानी से पता लगा सकता है कि कंप्यूटर पर कौन-कौन सी वेबसाइटों को खोला गया है। इस तरह...

तो ऐसे करें प्राइवेट ब्राउजिंग, नहीं होगी हिस्ट्री दर्ज
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Mar 2017 01:28 PM
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कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले यूजर की ऑनलाइन एक्टिविटी का पूरा ब्योरा हिस्ट्री में दर्ज हो जाता है। इससे कोई भी यह आसानी से पता लगा सकता है कि कंप्यूटर पर कौन-कौन सी वेबसाइटों को खोला गया है। इस तरह की परिस्थिति यूजर को मुसीबत में डाल सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए यूजर प्राइवेट ब्राउंजिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

गूगल क्रोम पर करें प्राइवेट ब्राउजिंग

बहुत ही कम लोगों को यह मालूम होगा कि गूगल क्रोम पर दो तरह की ब्राउजिंग होती है। एक तो सामान्य जो हम आमतौर पर करते हैं और दूसरी ‘प्राइवेट ब्राउजिंग’। प्राइवेट ब्राउजिंग करने के लिए सबसे पहले गूगल क्रोम के आइकन पर क्लिक करें। इसके बाद डिस्प्ले पर दाईं तरह ऊपर नजर आ रहे तीन बिंदुओं (मेन्यु) पर क्लिक करें। ऐसा करने से डिस्प्ले पर कुछ विकल्प खुल जाएंगे। अब यहां मौजूद ‘न्यू इन्कोग्निटो विंडो’ पर क्लिक करें। ऐसा करते ही डिस्प्ले पर काले रंग का एक नया सर्चिंग ब्राउजर खुल जाएगा। यूजर चाहें तो इसे शॉर्टकट तरीके से भी खोल सकते हैं। इसके लिए उन्हें कंट्रोल+शिफ्ट+ एन का प्रयोग करना होगा। इसे सामान्य ब्राउजर की तरह ही इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर लोग ‘कंट्रोल एच’ करके कंप्यूटर पर हिस्ट्री देख लेते हैं। लेकिन न्यू इन्कोग्निटो विंडो में सर्च किए गए रिजल्ट हिस्ट्री में सेव नहीं होते।

फायरफॉक्स पर भी कर प्राइवेट ब्राउजिंग उपलब्ध
गूगल क्रोम के अलावा मॉजिला फायरफॉक्स का इस्तेमाल करने वाले यूजर भी प्राइवेट ब्राउजिंग कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले कंप्यूटर पर फायरफॉक्स ब्राउजर खोल लीजिए। इसके बाद मेन्यु में जाकर ‘न्यू प्राइवेट विंडो’ को सिलेक्ट करिए। इसके लिए कंट्रोल+शिफ्ट+ पी का शॉर्टकट भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से डिस्प्ले पर नई प्राइवेट विंडो खुल जाएगी। प्राइवेट विंडो में यूजर बिना हिचकिचाहट के कुछ भी सर्च कर सकते हैं। इसमें सर्च किए गई वेबसाइट या रिजल्ट इंटरनेट हिस्ट्री में सेव नहीं होते। पिछले एक दशक में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इसमें यूजर की प्राइवेसी जैसे कि बैंकिंग डिटेल, ऑनलाइन पोर्टल और सोशल नेटवर्किंग एक्टिविटी को काफी नुकसान हुआ है। साइबर कैफे या जन सामान्य लाइब्रेरी में मौजूद कंप्यूटर पर काम करने के लिए प्राइवेट ब्राउजिंग एक अच्छा  विकल्प है।

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