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इटावा सफारी में आने से पहले ट्रेन्ड हो रहे हैं लैपर्ड

इटावा सफारी पार्क लाए जाने से पहले लैपर्ड प्रशिक्षित किए जा रहे हैं ताकि वे सफारी पार्क में अन्य वन्य जीवों के साथ रह सकें। इधर, लैपर्ड सफारी में भी इन्हें रखने के लिए तैयारी की जा रही है। फिलहाल...

इटावा सफारी में आने से पहले ट्रेन्ड हो रहे हैं लैपर्ड
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Apr 2017 06:20 PM
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इटावा सफारी पार्क लाए जाने से पहले लैपर्ड प्रशिक्षित किए जा रहे हैं ताकि वे सफारी पार्क में अन्य वन्य जीवों के साथ रह सकें। इधर, लैपर्ड सफारी में भी इन्हें रखने के लिए तैयारी की जा रही है। फिलहाल लैपर्ड को लखनऊ जू में रखा गया है। अब गर्मी के बाद ही इन्हें इटावा लाए जाने की संभावना है।

शेर, भालू, चीतल, सांभर व काले हिरनों को सफारी पार्क लाया जा चुका है। इसके बाद अब लैपर्ड को लाए जाने की तैयारी है। लैपर्ड सफारी भी बनकर पूरा होने वाला है। लैपर्ड काफी खूंखार वन्य जीव है और यह आमतौर पर दूसरे वन्य जीवों के साथ रहना नहीं चाहता। इसलिए इसे सीधे सफारी न लाकर लखनऊ के चिड़ियाघर में रखा गया है। यहां पर विशेषज्ञ प्रशिक्षक इन पर नजर रखे हुए हैं और इन लैपर्ड को यह सिखाया जा रहा है कि सफारी में कैसे रहेंगे और अन्य लैपर्ड के साथ कैसे रह सकेंगे। सूत्रों ने बताया है कि अगले कुछ दिनों में इन्हे प्रशिक्षण दे दिया जाएगा और फिर इटावा लाया जाएगा।

सीजेडए के नियमों के मुताबिक सफारी पार्क में नए आने वाले वन्य जीवों को पहले तीन हफ्ते तक एनीमल हाउस में रखा जाता है। जहां उनकी हर हरकत पर पैनी नजर रखी जाती है। इन 21 दिनों की रिपोर्ट सीजेडए को भेजे जाने के बाद जब सीजेडए की इजाजात मिल जाती है तब इन्हे सफारी में शिफ्ट किया जाता है। यह प्रक्रिया फिलहाल भालू पर अपनाई जा रही है जिन्हे सफारी में आए हुए अभी 21 दिन नहीं हुए हैं।

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