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जब कलाकारों को मजा आता है, तभी दर्शकों को मजा आता है

अभिनेता व एंकर से निर्देशक बने साजिद खान ‘हे बेबी’, ‘हाउसफुल’ और ‘हाउसफुल 2’ जैसी कॉमेडी जॉनर की सफल फिल्में बना कर हवा में उड़ने लगे थे, लेकिन एक्शन फिल्म...

जब कलाकारों को मजा आता है, तभी दर्शकों को मजा आता है
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 20 Jun 2014 07:56 PM
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अभिनेता व एंकर से निर्देशक बने साजिद खान ‘हे बेबी’, ‘हाउसफुल’ और ‘हाउसफुल 2’ जैसी कॉमेडी जॉनर की सफल फिल्में बना कर हवा में उड़ने लगे थे, लेकिन एक्शन फिल्म ‘हिम्मतवाला’ की असफलता से उन्हें बड़ा झटका लगा। इसका नतीजा यह हुआ कि वह फिर कॉमेडी जॉनर में लौट आए हैं और एक बार फिर कॉमेडी फिल्म ‘हमशकल्स’ लेकर दर्शकों के सामने हाजिर हैं।

‘हिम्मतवाला’ के समय आपने बड़े-बड़े दावे किए थे, पर फिल्म ने बॉक्स आफिस पर पानी तक नहीं मांगा था?
‘हिम्मतवाला’ की असफलता ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। पहले मैं मोटा, एरोगेंट, मूर्ख और बड़े-बड़े दावे करने वाला फिल्मकार था। मैं ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं कि ‘हिम्मतवाला’ असफल हुई और मुझे अपनी औकात समझ में आ गई। ‘हिम्मतवाला’ की असफलता ने मुझे बता दिया कि मेरे लिए कॉमेडी जॉनर ही ठीक है। मैं चाहता हूं कि लोग मेरी इज्जत करें। जब मेरी फिल्म ‘हाउसफुल’ हिट हुई तो मुझे लगा कि लोग मुझे गंभीरता से लेने लगे हैं। फिर जब ‘हाउसफुल 2’ हिट हुई तो लगा कि मैं कभी गलत हो ही नहीं सकता। इस वजह से मैं घमंड में चूर हो गया था। इसलिए ‘हिम्मतवाला’ के वक्त मैंने लोगों से ठीक से बात तक नहीं की और इस फिल्म के कई सौ करोड़ कमाने के दावे कर दिये। अब मैं आंकड़ों की बात नहीं करता। मैं फिल्मकार हूं, बॉक्स ऑफिस वाला नहीं। मैं बीस साल से टीवी पर हंसा रहा था। जब फिल्मकार बना, तब फिल्मों के माध्यम से हंसाने लगा, लेकिन ‘हिम्मतवाला’ में लोगों को हंसाया नहीं, एक्शन ले आया।

‘हमशकल्स’ का आइडिया दिमाग में कब व कैसे आया?
मैं डबल रोल वाली फिल्में बनाना चाहता था। उस वक्त मेरे दिमाग में यह भी आया कि लोग इस फिल्म की ‘अंगूर’ से तुलना करेंगे, पर  लोगों को यह याद नहीं होगा कि ‘अंगूर’ भी ‘दो दूनी चार’ का रीमेक था और ‘दो दूनी चार’ भी फिल्म ‘कॉमेडी ऑफ एर्स’ का रीमेक थी।‘कॉमेडी ऑफ एर्स’ पर किसी एक का हक नहीं है। यह फिल्म तो पूरे विश्व की प्रॉपर्टी है। इस पर कोई भी फिल्म बना सकता है, पर मुझे लगा कि यदि मैंने यह फिल्म बनाई तो सिर्फ इंटरवल तक ही मजा आएगा, तब मैंने इसे चुनातीपूर्ण बनाने के लिए सैफ अली खान, रितेश देशमुख और राम कपूर का रोल ट्रिपल कर दिया। राम कपूर इस फिल्म में मेन विलेन हैं। स्क्रिप्ट लिखते-लिखते अंत में अच्छी बन गई। इसमें जटिलता लाने के लिए मैंने तीनों चरित्रों का नाम भी एक ही कर दिया। जब फिल्म की स्क्रिप्ट कलाकारों को सुनाई तो वे भी हंस-हंस कर लोटपोट हो गए।

‘हमशकल्स’ में सैफ ही क्यों?
मैं लंबे समय से उनके साथ काम करना चाह रहा था। वे भी मेरे साथ काम करना चाहते थे। हम दोनों एक दूसरे की काफी इज्जत भी करते हैं। मैंने उनकी फिल्में देखी हैं। जिस फिल्म में भी उन्होंने कॉमेडी की है, बहुत अच्छी की है। तो मुझे लगा कि वह बहुत अच्छी कॉमेडी कर सकते हैं। स्क्रिप्ट सुनते हुए सैफ ने कहा कि इसमें से बहुत-सी चीजें ऐसी हैं, जिन्हें उन्होंने कभी नहीं किया। इसमें सैफ लड़की भी बने हैं।

हमने अक्सर सुना है कि एक ही फिल्म के दो कलाकारों का ईगो टकराता रहता है? आपकी इस फिल्म में तो..?
मैं तो अपने कलाकार से कह देता हूं कि जीरो प्रतिशत ईगो लेकर सेट पर आना, क्योंकि सेट पर हम सबको मस्ती करनी है। मेरा मानना है कि फिल्म बनाते समय जब हमें मजा आएगा तो फिल्म देखते समय दर्शक को मजा आएगा।

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