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सलमान-अक्षय ने हौसला बढ़ाया

कई फिल्मों में अभिनय करने के बावजूद जब कबीर ख्याति अर्जित नहीं कर पाये तो निर्देशक बन गए।  2004 में ‘पॉपकॉर्न खाओ मस्त हो जाओ’ और 2010 में ‘तुम मिलो तो सही’ जैसी फिल्मों...

सलमान-अक्षय ने हौसला बढ़ाया
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 13 Jun 2014 08:03 PM
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कई फिल्मों में अभिनय करने के बावजूद जब कबीर ख्याति अर्जित नहीं कर पाये तो निर्देशक बन गए।  2004 में ‘पॉपकॉर्न खाओ मस्त हो जाओ’ और 2010 में ‘तुम मिलो तो सही’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया, तब भी सफलता हाथ नहीं लगी। अब चार साल बाद अपने निर्देशन में एक बार फिर नयी फिल्म ‘फगली’ लेकर दर्शकों के सामने हाजिर हैं।

क्या है ये ‘फगली’?
यह चार युवा दोस्तों की सीधी-सादी कहानी है, जिसमें कोई पेच नहीं है। हां, इसमें कॉमेडी का टच भरपूर है। आप इसे एक्शन कॉमेडी भी कह सकते हैं।

लगता है कॉमेडी से आपको बहुत लगाव है?
ऐसी बात नहीं है। ‘तुम मिलो तो सही’ जैसी गंभीर फिल्म भी की है। अब ये सब्जेक्ट पसंद आया तो फगली बना डाली। वैसे भी इन दिनों हल्की-फुल्की फिल्मों का दौर है।

क्या मुक्केबाज-अभिनेता विजेंदर सिंह के साथ दोबारा काम करना चाहेंगे?
बिल्कुल, विजेंदर पक्के खिलाड़ी हैं। अपनी मुक्केबाजी के लिए वे जिस  जुनून से तैयारी करते हैं, ‘फगली’ के लिए भी उन्होंने शूटिंग से पहले वैसी ही तैयारी की। उनकी खास बात ये है कि वे बहुत जल्द सीखते हैं। मुझे याद है, सेट पर उन्हें कभी कोई बात दोबारा नहीं समझानी पड़ी। इस रोल के लिए हमें एक रफ-टफ युवक की जरूरत थी, जिसमें वे बहुत जंचे हैं। मैं ही क्या, सलमान भाई ने भी उनके काम की तारीफ की है।

हीरोइन की तलाश कैसे की?
इस फिल्म में ज्यादातर नये कलाकार हैं। सबका चयन स्क्रीन टेस्ट के बाद किया  गया, यहां तक कि विजेंदर को भी स्क्रीन टेस्ट देना पड़ा था। जहां तक कियारा आडवाणी का सवाल है, उन्होंने अनुपम खेर एक्टिंग स्कूल से कोर्स किया है। स्क्रीन टेस्ट में वह सबसे अव्वल थीं।

जिम्मी शेरगिल को आपने शैतान कैसे बना दिया?

जिम्मी मेरे एक्टिंग के जमाने के दोस्त हैं। हमने तिग्मांशु धूलिया की फिल्म ‘चरस: ए ज्वाइंट ऑपरेशन’ में साथ काम किया था। तभी से वे मेरे डायरेक्शन के शौक से वाकिफ हैं। ‘फगली’ के नेगेटिव कैरेक्टर चौटाला के रोल में मैं उन्हें लेना चाहता था। मैंने जब स्क्रिप्ट सुनाई तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मैं उन्हें शैतान बनाना चाहता हूं। क्या खूब काम किया है उन्होंने!

आपकी पिछली फिल्म में कई बड़े सितारे थे?
पर उसके नतीजे से मैं ज्यादा संतुष्ट नहीं था, इसलिए इस बार मेरा ध्यान नये कलाकारों की तरफ गया। हालांकि फिल्म  ‘तुम मिलो तो सही’ ने मुझे नाना पाटेकर, डिम्पल कपाड़िया जैसे उम्दा कलाकारों के साथ काम करने का मौका दिया। मौका लगा तो बड़े कलाकारों के साथ भी काम करूंगा।

आपकी इस फिल्म को सलमान और अक्षय ने प्रमोट किया है?
शुरुआत अक्षय से हुई थी। उन्होंने फिल्म के एक आइटम सॉन्ग पर खूब दिलचस्पी दिखाई थी। तब हमने उनसे यह रिक्वेस्ट की थी कि वे ये आइटम सॉन्ग खुद ही करें। वे तैयार हो गए। यही नहीं, अक्षय ने हमारी खूब हौसला अफजाई की। फिर सलमान भाई ने ‘फगली’ की तारीफ की। इसके बाद हमने उन्हें भी इस आइटम सॉन्ग में जोड़ लिया। मेरा ख्याल है, दोनों पर फिल्माया गया यह आइटम नंबर फिल्म का बड़ा आकर्षण होगा।

‘फगली’ से पहले आप कुछ और  बनाना चाहते थे?
बिल्कुल बनाना चाहता था और इसीलिए मैं इसके प्रोड्यूसर के पास तीन-चार स्क्रिप्ट लेकर गया था। वे बड़ी प्रोड्यूसर हैं। मैं उनके साथ कुछ बड़ा बनाना चाहता था, लेकिन उन्हें ‘फगली’ की स्क्रिप्ट ही सबसे ज्यादा पसंद आई। 

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