किराये की कोख पर रोक, सरोगेसी से जन्मे हैं ये स्टार किड्स
सरोगेसी पर रोक: किराये की कोख से जन्मे हैं ये स्टार किड्स पीएम मोदी की अध्यक्षता में सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2016 को हरी झंडी दिखा दी गई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में कोख के व्यापार पर पूरी त
सरोगेसी पर रोक: किराये की कोख से जन्मे हैं ये स्टार किड्स
पीएम मोदी की अध्यक्षता में सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2016 को हरी झंडी दिखा दी गई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में कोख के व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगाने वाले बिल को मंजूरी दे दी। अब कोई विदेशी या एनआरआई किराये पर कोख नहीं ले पाएगा। भारत में कड़े नियमों के तहत सिर्फ नजदीकी रिश्ते में सरोगेसी की इजाजत होगी। सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने वालो में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, आमिर खान, तुषार कपूर और सोहेल खान का नाम शामिल है।
किराये की कोख पर रोक, सरोगेसी से जन्मे हैं ये स्टार किड्स
शाहरुख खान का बेटा अबराम
बॉलीवुड किंग शाहरुख खान और गौरी खान के छोटे बेटे अबराम खान सरोगेसी से जन्मे हैं। अबराम का जन्म 27 मई 2013 को हुआ था।
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आमिर खान का बेटा आजाद राव खान
बॉलीवुड के मिस्टर परफेस्शनिस्ट आमिर खान और निर्देशक किरम राव का बेटे आजाद राव खान भी सरोगेसी के जरिए जन्मे हैं। एक दिसंबर 2011 को आजाद को जन्म हुआ।
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तुषार कपूर का बेटा लक्ष्य
बॉलीवुड एक्टर तुषार कपूर भी आईवीएफ और सरोगेसी के जरिए बेटे के पिता बने हैं। तुषार ने बेटे का नाम लक्ष्य रखा है। तुषार ने 27 जून 2016 को बेटे के जन्म की जानकारी देते हुए बताया था कि उनका जन्म पिछले हफ्ते हुआ है।
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सोहेल खान का बेटा योहान
बॉलीवुड एक्टर और निर्देशक सोहेल खान की पत्नी सीमा सचदेवा खान ने 2000 में अपने पहले बेटे निर्वान को जन्म दिया। सीमा और सोहेल ने अपना परिवार बढ़ाने के लिए दूसरे बच्चे के लिए सरोगेसी का रुख किया। 2011 में इस कप कपल का दूसरा बेटे योहान ने जन्म लिया।
किराये की कोख पर रोक, सरोगेसी से जन्मे हैं ये स्टार किड्स
सरकार क्यों ला रही है ये बिल और कब बनेगा कानून
फिल्मस्टार्स, विदेशियों और अमीरों ने सरोगेसी से जरिए (कोख खरीदकर) संतान पैदा करने का बड़ा बाजार खड़ा कर दिया है। इसी को नियंत्रण में करने के लिए सरकार यह बिल लेकर आ रही है। यह कानून बनने के दस महीने के भीतर प्रावधान लागू होंगे। इस व्यवस्था के नियमन के लिए केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और प्रदेशों में राज्य सरोगेसी बोडरें का गठन किया जाएगा। अगर सरोगेसी से पैदा बच्चे को कोई दंपति अपनाने से इनकार करता है या प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो 10 साल तक की कैद और दस लाख रुपये जुर्माना लगेगा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि विदेशों से बड़े पैमाने पर लोग सरोगेसी कराने भारत आ रहे थे। कई बार लड़की होने पर उसे छोड़ देते थे। जुड़वां होने पर एक बच्चे को नहीं अपनाना और विकलांग होने पर बच्चे को छोड़ देना आम बात हो गई थी। संपन्न महिलाएं प्रसव पीड़ा से बचने के लिए भी सरोगेसी करा रही थीं। जो चीज जरूरत के नाम पर शुरू की गई थी, वह अब शौक बन गई है।
गाजिर्यन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सरोगेसी का सालाना बाजार 13,400 करोड़ का होता है। भारत में 3 हजार के करीब सरोगेसी क्लीनिक हैं। सालाना 25 हजार से ज्यादा बच्चे इस तरीके से जन्म ले रहे हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा सरोगेसी चाहने वाले विदेशी दंपति हैं।
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