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कंगना ने बताया कैसा जीवनसाथी चाहिए उन्हें

फिल्म 'तनु वेड्स मनु' में तनु और मनु का किरदार सभी को याद होगा, लेकिन कंगना का मानना है कि पर्दे पर भले ही उन्होंने तनु का किरदार निभाया हो। पर असल जिंदगी में वह तेज तर्रार तनु नहीं सीधी-साधी मनु...

कंगना ने बताया कैसा जीवनसाथी चाहिए उन्हें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 16 May 2015 03:24 PM
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फिल्म 'तनु वेड्स मनु' में तनु और मनु का किरदार सभी को याद होगा, लेकिन कंगना का मानना है कि पर्दे पर भले ही उन्होंने तनु का किरदार निभाया हो। पर असल जिंदगी में वह तेज तर्रार तनु नहीं सीधी-साधी मनु जैसी हैं। इसलिए यदि उनकी शादी तनु जैसे तेज तर्रार लड़के से हुई तो उनकी शादी कभी चल नहीं पाएगी।

साथ ही कंगना का कहना है कि फिल्म में शादी के बाद उन्होंने अपने डॉक्टर साहब यानी माधवन पर इतने सितम किए कि वह परेशान हो गए। पेश है कंगना और माधवन के साथ नीलम कोठारी बडोनी की बातचीत के अंश:

फिल्म में आप दोनों ने एक शादीशुदा जोड़े का किरदार निभाया है। क्या असल जिंदगी में शादी को लेकर आपका कोई नजरिया बदला है?
कंगना : अगर मैं इस फिल्म से प्रभावित होने लगी तो फिर सब बदल जाएगा। इस फिल्म में मैंने जिस तरह का किरदार निभाया है उससे कई लड़कियां खुद को जोड़ सकती हैं, लेकिन मैं असल जिंदगी में ऐसी नहीं हूं। असल में तो मैं मनु हूं जो किसी से कम बात करता है और शर्मीला है। मुझे यदि कोई तनु जैसा तेज तर्रार लड़का मिलेगा तो मेरी शादी कुछ दिन भी नहीं चल पाएगी। मुझे कोई मेरे ही जैसा शांत लड़का तलाश करना होगा।
माधवन : मेरा नजरिया तो मेरी शादी के समय से ही बदला हुआ है। अब फिर नजरिया बदलकर मेरा कुछ नहीं हो सकता। हां मैं यह कह सकता हूं कि नजरिया कुछ हो। यदि खुशहाल शादीशुदा जिंदगी चाहिए तो मर्दों को हमेशा चुप रहना चाहिए। इसी में भलाई है।

फिल्म में कंगना का रोल ज्यादा है और इसमें वह लाइमलाइट में रहती हैं। इससे क्या आपको फर्क पड़ता है?
कंगना : आप पक्का हमारी लड़ाई करवाने वाली हैं। आपका हमारी दोस्ती में दरार डालने का इरादा है।
माधवन : हां क्यों नहीं। यदि आप कह रही हैं कि क्या मुझे फिल्म साइन करते वक्त जलन हो रही थी तो जवाब है हां। मुझे जलन होती है कि मुझसे ज्यादा इस फिल्म में कंगना का काम सराहा जाता है। लेकिन असल में जब आप किसी फिल्म में काम करते हैं तो मायने यह नहीं रहता कि कौन क्या कर रहा है। मायने रखता है कि फिल्म की कहानी और फिल्म कितनी सफल है। यहां पर तो मुझे पता था कि यह फिल्म हमारे लिए कितनी महत्पवूर्ण है तो सोचने का सवाल ही पैदा नहीं होता। हमारी इस फिल्म का श्रेय कंगना को मिले या फिर आनंद को मिले या मुझे। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।  photo1

बॉलीवुड में आपको सबसे ज्यादा किस बात ने परेशान किया?
कंगना : मेरी कहानी बहुत लंबी है, लेकिन मुझे यहां पर सबसे ज्यादा परेशानी कम्यूनिकेशन के कारण हुई। मेरी भाषा उतनी अच्छी नहीं थी, इसलिए मैं दूसरों से बात भी नहीं कर पाती थी। दूसरा मुझे लगता था कि मुझे उतना नॉलेज नहीं है जितना कि दूसरों को, इसलिए मैंने इस पर काम किया। किताबें पढ़ीं और कोशिश की दूसरों के सामने खुद को प्रस्तुत करने की।
माधवन : मैं खुद को भगवान का खास मानता हूं कि मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई। मेरे लिए चीजें बनती गई और काम मिलता गया।
 
फिल्म में जिस तरह तनु आप पर हावी रहती हैं। क्या असल जिंदगी में आपको कभी ऐसी लड़की मिली है?
माधवन : हां कई बार देखी हैं। सिर्फ तनु ही नहीं मुझे लगता है कि ज्यादातर लड़कियों के सामने तेज से तेज लड़के भी मनु बन जाते हैं। फिर मेरी तो जब से मैंने तनु से शादी की है हालत खराब हो गई है। इस फिल्म में आपको यही देखने को मिलेगा कि कैसे शादी के चार साल बाद पत्नी के सितम सह-सहकर मेरी हालत खराब हो गई है, इसलिए मैंने पहली को छोड़कर दूसरी ढूंढने की कोशिश की। वैसे असल में मेरा खुद का यह मानना है कि बीवी जो कहे चुपचाप यह समझ के कर दो कि शादी के पहले मैं कौन सा रितिक रोशन था।
कंगना : इस फिल्म में आप कई ऐसे डायलॉग सुनेंगे जो आपको लगेगा कि मैं कैसे बोल रही हूं। मुझे खुद भी अपने डायलॉग पढ़ते हुए लगता था कि कैसे मैं यह डायलॉग बोलकर मनु का दिल दुखा रही हूं।
 
आप दोनों बाहर से आकर बॉलीवुड का हिस्सा बने हैं। कितनी मुश्किल होती है एक आउट साइडर को यहां जमने में?
माधवन : मैं तो यहां पर हीरो बनने आया ही नहीं था। मैं तो इजीनियर था, मैं यहां पढ़नेने आया था। एक दिन राह चलते किसी ने पूछ लिया कि टीवी शो करना है करोगे? तो मैंने उससे कहा कि कितने पैसे दोगे। वैसे मैं आज भी सबसे यही पूछ रहा हूं, लेकिन कोई मुंहमांगा देता नहीं है।
कंगना : मेरे साथ ऐसा नहीं रहा। मैं खुद को भाग्यशाली नहीं मानती हूं। मैंने हमेशा हर चीज में बहुत संघर्ष किया है। पिछले दस सालों में मैंने काफी कुछ सहा है। मैंने अपने संघर्ष को तीन हिस्सों में बांटा है। पहला है पर्सनल स्ट्रगल-जिसमें आता है कि आप किस तरह से एक्टिंग करते हैं। तो मेरे केस में मुझे एक्टिंग भी सीखनी पड़ी। दूसरा है मीडियम- इसमें मैंने कम्यूनिकेशन को रखा है और तीसरा है सोशल- मैं लोगों से ज्यादा घुलती मिलती नहीं हूं, इसलिए मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। photo2

तमिल और हिंदी फिल्मों को कैसे मैनेज करते हैं?

माधवन : दोनों नहीं कर पाता, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि जब मैं हिंदी करता हूं तब तमिल भी करूं। इससे मैं दोनों में न्याय नहीं कर पाऊंगा। पहले सात सालों में मैंने 45 फिल्में की थीं और बाकी सात सालों में सिर्फ कुछ 6 फिल्में की थीं। इसलिए अब मैं जब तमिल करता हूं तो सिर्फ तमिल करता हूं और जब हिंदी तो सिर्फ हिंदी।

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