EXCLUSIVE: मिलिए, जिनके बिना स्वरा नहीं बन पाती 'अनारकली'
'अनारकली ऑफ आरा' इस फिल्म को इस साल की सबसे बेहतर फिल्म के रूप में देखा जा रहा है। महिला प्रधान इस फिल्म में आप मनोरंजन के साथ ही एक गंभीर विषय को सामाजिक होते देखेंगे। इस फिल्म में
'अनारकली ऑफ आरा' इस फिल्म को इस साल की सबसे बेहतर फिल्म के रूप में देखा जा रहा है। महिला प्रधान इस फिल्म में आप मनोरंजन के साथ ही एक गंभीर विषय को सामाजिक होते देखेंगे। इस फिल्म में एक स्त्री की संघर्ष की कहानी का जबरदस्त रूप में चित्रण किया गया है।
फिल्म में स्वरा भास्कर के अभिनय की काफी तारीफ हो रही और इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को अब तक की सबसे बेहतरीन एक्टिंग भी माना जा रहा है। लेकिन इस अनारकली के रूप को गढ़ने में एक दूसरे शख्स का बड़ा हाथ है, जिसके बिना शायद स्वरा भास्कर का ये अनारकली वाला रूप इतना पावरफुल नहीं हो पाता। वो शख्स है इस फिल्म की कॉस्ट्यूम डिजाइनर रूपा चौरसिया।
रूपा का कहना है कि उन्होंने इस फिल्म के कॉस्ट्यूम के लिए काफी रिसर्च किया है। इस फिल्म में उन्होंने पुराने फैशन स्टाइल को नए रूप में ढाला है। रूपा का कहना है कि उनकी कोशिश है अनारकली का स्टाइल मार्केट में एक ब्रैंड के रूप में स्थापित हो।
पेश हैं रूपा से बातचीत के कुछ अंश
अनारकली के लिए रूपा ही थीं स्वरा की पहली पसंद
रूपा बताती हैं कि एक बार स्वरा को किसी इवेंट में जाना था और एक दिन पहले ही मुझे उनके कॉस्ट्यूम की जिम्मेदारी सौंपी गई। मेरे लिए यह थोड़ा चैलेंजिंग था, एक दिन में सब कुछ इंतजाम करना था। लेकिन, मैंने सोचा यह चैलेंज दिलचस्प होगा और मैंने यह चैलेंज एक्सपेट किया। स्वरा को मेरा काम काफी पसंद आया और इसके बाद से ही मैं स्वरा की पसंद बन गई।
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'निल बट्टे सन्नाटा' के समय भी स्वरा ने रूपा से बात की थी, मगर रूपा उस वक्त किसी और प्रोजेक्ट में व्यस्त होने की वजह से फिल्म से जुड़ नहीं सकी। इसके बाद जब अनारकली के लिए रूपा ने उनसे बात की तो रूपा ना नहीं कह सकीं।
रूपा का कहना है कि स्वरा के साथ काम करना काफी इंटरेस्टिंग होता है। स्वरा हमेशा इनपुट देती रहती हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए जब वो फील्ड रिसर्च के लिए गई थीं, उस वक्त भी हमेशा मुझे तस्वीरें भेजती रहती थीं। इस वजह से मुझे उस इलाके और उन लोगों के ट्रेंड को समझने में काफी मदद मिली।
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अनारकली से ज्यादा चैलेंजिंग था रंगीला का कॉस्ट्यूम डिजाइन करना
उन्होंने बताया कि स्वरा से भी ज्यादा मुश्किल था रंगीला का कॉस्ट्यूम डिजाइन करना। इस किरदार का नाम रंगीला था तो मैंने सोचा कि इसका कॉस्ट्यूम भी चमकदार होना चाहिए। लेकिन इस बात का भी ख्याल रखना था कि इतना भी ब्राइट ना हो कि वो बैकग्रांउड से मिक्स होने लगे। मैंने कई वीडियो देखें कि ये लोग किस तरह के कपड़े पहनते हैं। मैंने फिर उस ट्रेंड को फॉलो करते हुए अपना फैब्रिक इस्तेमाल कर उसे एक नया लुक दिया।
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अनारकली के स्टाइल को ट्रेंड बनाना मेरी कोशिश
रूपा का कहना है कि हर पुराना स्टाइल दोबारा से कुछ सालों बाद ट्रेंड में आता है। जो स्टाइल हमारे मां के जमाने में था वो हमारे जमाने में भी वापस से ट्रेंड में आ रहा है, मगर उसमें कुछ नए जमाने का फैब्रिक या कोई और स्टाइल ऐड किया जाता है।
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मैंने भी अनारकली के ड्रेस के साथ कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की है। मेरा उद्देश्य यह भी था कि अनारकली का कॉस्ट्यूम इतना फेमस हो कि यह एक स्टाइल ट्रेंड बन जाए। मैंने इसके साथ ही अनारकली के समय और उसकी परिस्थिति का भी ख्याल रखा। जैसे शुरुआत में अनारकली थोड़े बड़े साइज का लंहगा पहनती है। उसकी चोली भी बड़ी होती है, मगर उसके अंतिम परफॉर्मेंस में उसके लंहगे का साइज भी छोटा होता है और उसकी चोली भी छोटी थी। मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उस वक्त अनारकली दिल्ली से आ चुकी थी। उसके स्टाइल में भी वो बदलाव दिखना जरूरी था।
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बिहार के छोटे शहर से मुंबई तक का सफर नहीं था आसान
बिहार के छोटे से शहर जमालपुर की रूपा का कहना है, 'मेरे लिए इस फील्ड में आना इतना आसान नहीं था। हमारे यहां पढ़ाई का मतलब इंजीनियरिंग, डॉक्टरी मानी जाती है और बात जब लड़कियों की आती है तो कहा जाता है कि बस ग्रैजुएशन करवा दो फिर इसकी शादी हो जाएगी।'
रूपा बताती हैं कि ऐसे में मेरा फैशन की तरफ झुकाव मेरे घर वालों के लिए थोड़ा झटके जैसा ही था। हमारे यहां लोग फैशन इंडस्ट्री का मतलब सिर्फ इतना ही समझते थे कि लड़की छोटे कपड़े पहनेगी, मॉडलिंग करेगी। उन्हें समझाना मुश्किल था कि फैशन इंडस्ट्री इससे बहुत ज्यादा विस्तार लिए हुए है।
रूपा बताती हैं कि जब मैंने अपने घर वालों को निफ्ट में जाने की बात बताई तो वे नहीं मानें। पापा को लगता था कि निफ्ट करके पता नहीं क्या फ्यूचर होगा। लेकिन, इत्तफाक से उसी समय दिल्ली से पापा के कुछ दोस्त आएं, जिन्होंने निफ्ट के बारे उन्हें बताया कि इस फील्ड के बाद भी काफी स्कोप है। बस फिर क्या पापा मान गए और मैंने फिर कभी पीछे नहीं देखा।
आगे की स्लाइड में देखें, रूपा धर्मा प्रोडक्शन की किस बड़ी फिल्म के लिए कर चुकी हैं काम
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रूपा धर्मा प्रोडक्शन के लिए भी काम कर चुकी हैं
रूपा बताती हैं कि दिल्ली से निफ्ट की पढ़ाई करने के बाद वो मुबंई आ गई। उन्होंने बताया, 'मुझे अग्निपथ में अस्सिटेंट डियाइनर के रूप में काम करने का मौका मिला। उसके बाद मैंने एक पंजाबी फिल्म में काम किया। मैंने गुलशन ग्रोवर की भी एक फिल्म में काम किया, एक तेलगू फिल्म में भी मुझे काम करने का मौका मिला।'
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