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Hindi Newsanarkali of arrah musician rohit sharma says now its not easy to stole tunes

Video: संगीतकार रोहित शर्मा का कहना है, अब आसान नहीं रहा धुनें चुराना

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लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Mar 2017 09:12 PM

अनारकली ऑफ आरा बिहार की एक ऐसी गायिका की कहानी है, जो द्विअर्थी गाने गाती है, यह तो आपने सुना ही होगा। पर क्या आपने कभी इस फिल्म के गाने सुनकर उनके ‘दूसरे’ अर्थ को समझने की कोशिश की है? खास बात यह है कि यह ‘दूसरा’ अर्थ अश्लील न होकर राजनैतिक है। यह खुलासा किया इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर रोहित शर्मा ने।

बात जरा टेढ़ी है, इसलिए इसे समझाने के लिए हमें गानों की ही मदद लेनी होगी। जरा फिल्म के एक गाने के इन बोलों पर गौर फरमाइये,‘हमरा के कन्फ्यूजिया के गया, खिड़की से पटना दिखा के गया, सैंया घुमक्कड़ को धरती भी कम है...’ इस गीत में दरअसल ऐसे नेताओं पर व्यंग्य किया गया है, जो आए दिन सिर्फ विदेशी दौरे करते रहते हैं। स्वाति शर्मा का गाया हुआ ‘ए दरोगा, दुनलिया में जंग लागा हो’ गीत भी इन दिनों काफी पसंद किया जा रहा है। इस गीत में दरअसल पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार पर तंज कसा गया है।

आसां नहीं लोकधुन आधारित गीत बनाना
बिहारी लोकधुनों पर आधारित इस फिल्म के गीतों को गढ़ना रोहित के लिए आसान नहीं रहा। वह बताते हैं,‘लोगों को लगता है कि शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीत बनाना मुश्किल होता है और लोकगीत बनाना आसान। पर मैं ऐसा नहीं सोचता। मुझे लगता है कि लोकधुनों पर गीत बनाना ज्यादा मुश्किल होता है। ऐसे शब्द और धुनें तलाशनी पड़ती हैं जिनमें कोई पंच हो और वे आसानी से लोगों की जुबान पर चढ़ जाएं। साथ ही उनमें गहरा मतलब भी छुपा हो।’
रोहित संगीत निर्माण से जुड़ी एक और भ्रांति भी दूर करना चाहते हैं।

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रोहित का कहना है कि,‘पहले जब इंटरनेट इतने लोगों तक नहीं पहुंचा था, तो कई बार संगीतकार कहीं से भी धुनों को लेकर इस्तेमाल कर लेते थे और किसी को पता भी नहीं चलता था। पर आज इंटरनेट की पहुंच इस कदर बढ़ गई है कि आम लोग भी संगीत की चोरी को आसानी से पकड़ लेते हैं। इसलिए नए संगीतकारों को ज्यादातर गीतों की धुनें खुद ही बनानी पड़ती हैं। फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ में आठ लोकगीत हैं, जिनमें से सभी की धुनें और  शब्द कहीं से प्रेरित नहीं है, सभी नए सिरे से बनाए गए हैं।’

रोहित इससे पहले शिप ऑफ थीसियस फिल्म का एक गीत और बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम के सभी गीत कंपोज कर चुके हैं। बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम फिल्म के लिए ट्राइबल, ब्ल्यूज, ओपराह और नज्म आधारित अलग-अलग तरह के गीत बनाना रोहित के लिए काफी अच्छा अनुभव रहा था।

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नहीं रास आई इंजीनियरिंग-
44 साल के रोहित दिल्ली के रहने वाले हैं। वह 28 साल की उम्र में मुंबई आए थे, वह भी अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर। वह प्रशिक्षित बांसुरी और पियानो वादक हैं। उनका मानना है कि उन्होंने बॉलीवुड में अपना करियर काफी देर से शुरू किया। अभी वह बहुत कुछ करना चाहते हैं। उन्हें एस डी बर्मन, आर डी बर्मन, मदन मोहन, विशाल भारद्वाज और ए आर रहमान का संगीत काफी पसंद है। उनकी आगामी फिल्में हैं कलर्स ऑफ लाइफ (बतौर संगीतकार) और दि होली फिश (बतौर बैकग्राउंड स्कोर कंपोजर)।

चलिए, अब डालते हैं इस फिल्म के गानों पर एक नजर।

आगे की स्लाइड में देखें रोहित के सभी गानें-

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