इंसानी चेहरा: तो क्या आप इस सलमान खान को भी जानते हैं
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को रूपहले पर्दे पर दबंग, किक, एक था टाइगर, मैंने प्यार किया और हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों में अभिनय करते तो बहुतों ने देखा है, लेकिन इंसानियत उनके व्यक्तित्व का एक...
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को रूपहले पर्दे पर दबंग, किक, एक था टाइगर, मैंने प्यार किया और हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों में अभिनय करते तो बहुतों ने देखा है, लेकिन इंसानियत उनके व्यक्तित्व का एक ऐसा पहलू है, जिसके बारे में शायद बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते।
कभी काले हिरण के शिकार, तो कभी हिट एंड रन के अदालती मामले के अलावा मीडिया के साथ अक्सर होने वाली नोकझोंक के कारण चर्चा में रहने वाले सलमान बहुत खामोशी से चैरिटी के अपने कामों को अंजाम देते रहते हैं। प्रख्यात पटकथा लेखक सलीम खान के पुत्र सलमान खान ने 2002 में बींइग हयूमन के नाम से एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना की और बहुत से अभावग्रस्त लोगों की मदद की। संगठन ने महाराष्ट्र और उसके बाहर कई गांवों को गोद लेकर उनकी तकदीर बदल दी। संगठन का मुख्य उद्देश्य इन गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार को बढ़ावा देना है।
यह इत्तफाक ही है कि उसी साल यानि 2002 में सलमान की कार से एक दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हुए। 28 सितंबर के इस हादसे के बाद सलमान को गिरफ्तार करके कुछ दिन के लिए जेल में डाल दिया गया। बांद्रा थाने के लॉकअप में बंद सलमान ने अपने परिवार द्वारा घर से लाया गया खाना खाने से इंकार कर दिया और वही खाना खाया, जो जेल के बाकी कैदियों को दिया जाता था। कुछ दिन बाद सलमान को इस मामले में जमानत मिल गई।
वर्ष 2002 में बम्बई उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए सलमान को हादसे में मारे गए व्यक्ति के परिवार को 10 लाख और गंभीर घायलों को 3 लाख तथा अन्य को डेढ़ लाख रुपये का अंतिम मुआवजा देने का आदेश दिया।