'बॉक्स ऑफिस की परवाह नहीं करता'
केतन मेहता समाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्में बनाते रहे हैं। इस बार वे पहाड़ को तोड़कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के व्यक्तित्व पर आधारित फिल्म 'मांझी: द माउंटेन मैन' लेकर आए हैं। पेश है उनसे बातचीत...
केतन मेहता समाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्में बनाते रहे हैं। इस बार वे पहाड़ को तोड़कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के व्यक्तित्व पर आधारित फिल्म 'मांझी: द माउंटेन मैन' लेकर आए हैं। पेश है उनसे बातचीत के अंश
- दशरथ मांझी पर फिल्म बनाने का ख्याल कब आया?
2007 में जब दशरथ मांझी का देहांत हुआ तो कई अखबारों-पत्रिकाओं में लेख छपे। तब मुझे यह जान कर हैरानी हुई कि उन्होंने 22 साल लगा कर एक पहाड़ काट डाला। इसके बाद मैं बिहार के गहलोर गांव गया। कटे हुए पहाड़ के बीच बना रास्ता देखा। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। तब ख्याल आया कि इस पर फिल्म बनानी चाहिए।
- आपको दशरथ मांझी की कहानी में उनकी कर्मठता और प्यार में से किस बात ने ज्यादा प्रभावित किया?
दोनों बातों ने। एक तरफ यह पैशनेट प्रेम कहानी है। इस प्यार की कोई तुलना नहीं हो सकती। दूसरी तरफ जीवन जीने की कथा है। अगर इंसान कुछ ठान ले तो उसे वह करने से कोई नहीं रोक सकता।
- मांझी के किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ही क्यों?
नवाजुद्दीन अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक हैं। उनकी कद-काठी दशरथ मांझी से इतनी अधिक मिलती थी कि वही इस किरदार में फिट बैठे। दशरथ मांझी की आंखों में जो चमक थी, वही चमक नवाज की आंखों में मुझे नजर आई। नवाजुद्दीन भी अपनी निजी जिंदगी में माउंटेन मैन हैं। उन्होंने 15 साल तक संघर्ष कर बॉलीवुड का पहाड़ तोड़ अपने लिए रास्ता बनाया है। दोनों की कहानी काफी मिलती है।
- दशरथ मांझी के परिवार से आप मिले हैं? उनका दर्द क्या है?
उनके पिता ने इतना बड़ा काम कर दिया, पर वह उतनी ही गरीबी में जी रहे हैं। उनका घर अभी भी कच्चा है। उनके पास कोई सुविधा नहीं है। अभी भी वे पैसे के मोहताज हैं।
- आपने 'भवनी भवाई','होली','मिर्च मसाला' जैसी फिल्में बनाई हैं। अब उस ढंग से सिनेमा नहीं बन रहा। आपको कैसा लगता है?
देखिए, अब फिल्मकारों की एक नयी पीढ़ी आ गयी है। पिछले दस साल में भारतीय सिनेमा में काफी बदलाव आया है। दर्शक भी बड़ी तेजी से बदल रहे हैं। आज की पीढ़ी बदलाव चाहती है।
- पिछली फिल्म 'रंग रसिया' को अपेक्षित सफलता नहीं मिली?
'रंग रसिया' की रिलीज में काफी वक्त लगा, अन्यथा जिसने भी फिल्म देखी, उसे अच्छी लगी। वैसे भी मैं बॉक्स ऑफिस की परवाह किए बिना फिल्म बनाता हूं। मुझे लगा कि राजा रवि वर्मा की कहानी लोगों तक पहुंचनी चाहिए, इसलिए मैंने उसे बनाया।
- आप 'झांसी की रानी लक्ष्मीबाई' पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। किस बात ने आपको फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया?
विश्व के इतिहास में झांसी की रानी प्रेरणादायक महिला पात्र हैं। उनका सबसे अलग और आकर्षक व्यक्तित्व है। वे अपनी शर्तों पर आगे बढ़ती हैं। सब जानते हैं कि उनसे लड़ने वाले अंग्रेज भी उनके व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुए थे।